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COVID-19: वैज्ञानिकों का दावा, नाक के जरिये दिमाग में घुस सकता है कोरोना वायरस, 10 आसान तरीकों से करें बचाव

By उस्मान | Updated: December 1, 2020 11:10 IST

शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस सिर्फ श्वसन तंत्र को ही नहीं, दिमाग को भी प्रभावित करता है

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ठळक मुद्देलगभग एक साल बाद भी कोरोना को लेकर आ रही हैं हैरान करने वाली जानकारियां कोरोना से मरने वाले लोगों के दिमाग में पाया गया है वायरसकोरोना से बचने के लिए नाक को कवर करना बहुत जरूरी

कोरोना वायरस को लेकर रोजाना नई हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही है। अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि यह वायरस नाक के जरिये  लोगों के मस्तिष्क में प्रवेश कर सकता है।

इंडिया डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कोरोना के कुछ मरीजों में कुछ न्यूरोलॉजिकल लक्षण देखे गए हैं।

शोध में यह भी कहा गया है कि SARS-CoV-2 न केवल श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, बल्कि सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) को भी प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप तंत्रिका संबंधी लक्षण जैसे कि गंध, स्वाद, सिरदर्द, थकान और मतली महसूस हो सकते हैं।

यद्यपि हाल के शोध में दिमाग और मस्तिष्कमेरु द्रव में वायरल आरएनए की उपस्थिति का वर्णन किया गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि वायरस कहां प्रवेश करता है और मस्तिष्क के भीतर कैसे चला जाता है।

चाराइट यूनिवर्सिटेडिसिडिन बर्लिन के शोधकर्ताओं ने कोरोना से मरने वाले 33 रोगियों के दिमाग और नासोफैर्नीक्स (गले के ऊपरी भाग) की जांच की। उन्होंने कहा कि मृत्यु के समय औसत आयु 71.6 वर्ष थी और कोरोना लक्षणों की शुरुआत से लेकर मृत्यु तक का समय 31 दिनों का था।

शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने SARS-CoV-2 RNA, वायरस की आनुवांशिक सामग्री और मस्तिष्क और नासॉफिरैन्क्स में प्रोटीन की उपस्थिति को पाया। वायरल आरएनए सबसे ज्यादा श्लेष्म झिल्ली में पाए गए थे। कोरोना से बचने के सरल उपाय

कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी रखना जरूरी है। व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें।

हाथों को बार-बार धोना है और सफाई का पूरा ध्यान रखना है।

चेहरे और आंखों पर हाथों से टच नहीं करना है। यदि आपकी चेहरे को बार-बार टच करने की आदत है तो इसे तुरंत बदल डालें।

छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंकें।उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें।

लॉकडाउन का ईमानदारी से पालन करें।

अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं जिसके लिए पौष्टिक आहार व योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिनभर में कम से कम 1 बार हल्दी वाले दूध का सेवन जरूर करें।

गुनगुने पानी पीने की आदत डालें।

अपने तापमान और श्वसन लक्षणों की जांच नियमित रूप से करें।

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 94 लाख पार

कोरोना वायरस का प्रकोप कम होता नहीं दिख रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से देशभर में 9,463,254 लोग संक्रमित हो गए हैं और 137,659 लोगों की मौत हो गई है।

देश और दुनिया में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। भारत में एक देसी सहित कुल पांच वैक्सीन बन रही हैं और टीकाकरण को लेकर भी काम शुरू हो गया है। चलिए जानते हैं कि वैक्सीन का काम कहां तक पहुंचा है।

टीकाकरण अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की होगी पहचानकेंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे एक बार टीका उपलब्ध हो जाने की स्थिति में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए डॉक्टरों, दवा विक्रेताओं, एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान करें।

स्वास्थ्यकर्मियों को मिलेगी प्राथमिकता टीके को कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत वितरित किया जाएगा। इस काम में मौजूदा सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) से संबंधित प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का पालन किया जाएगा। यह यूआईपी के समानांतर चलेगा। सूत्रों के अनुसार टीकाकरण अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी।  

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
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