विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत के स्वदेश निर्मित कोविड रोधी टीके 'कोवैक्सीन' (Covaxin) को आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल करने के लिए अंतिम ''लाभ-जोखिम मूल्यांकन'' करने के वास्ते भारत बायोटेक से ''अतिरिक्त स्पष्टीकरण'' मांगा। तकनीकी सलाहकार समूह अब अंतिम मूल्यांकन के लिए तीन नवंबर को बैठक करेगा।
कोवैक्सीन को विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने टीके को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल करने के लिए 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ को ईओआई (रुचि अभिव्यक्ति) प्रस्तुत की थी।
भारत बायोटेक लगातार आधार पर डब्ल्यूएचओ को डेटा जमा कर रहा है और 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय के अनुरोध पर अतिरिक्त जानकारी प्रस्तुत की है।
तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत के स्वदेशी टीके को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल करने के लिए कोवैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा करने के लिए बैठक की।
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने एक ट्वीट में कहा कि डब्ल्यूएचओ के स्वतंत्र तकनीकी सलाहकार समूह (TAG) ने कोवैक्सीन के वैश्विक उपयोग के लिए अंतिम लाभ-जोखिम मूल्यांकन करने के लिए निर्माता भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'तकनीकी सलाहकार समूह ने बैठक की और फैसला किया कि टीके के वैश्विक उपयोग के मद्देनजर अंतिम लाभ-जोखिम मूल्यांकन के वास्ते निर्माता से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे जाने की जरूरत है।'
इसने कहा कि समूह को निर्माता से यह स्पष्टीकरण इस सप्ताह के अंत तक मिलने की संभावना है जिस पर तीन नवंबर को बैठक करने का लक्ष्य है।
कोवैक्सीन ने रोगसूचक कोरोना के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावशीलता और नए डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा का प्रदर्शन किया है। जून में, कंपनी ने कहा कि उसने चरण 3 परीक्षणों से कोवैक्सिन प्रभावकारिता का अंतिम विश्लेषण समाप्त कर लिया है।