लाइव न्यूज़ :

COVID tips: कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन की कमी का एक बड़ा कारण यह भी, एम्स निदेशक गुलेरिया ने दी चेतावनी

By उस्मान | Updated: May 4, 2021 11:17 IST

गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

Open in App
ठळक मुद्देहल्के लक्षणों वाले मरीजों को स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिएस्टेरॉयड के इस्तेमाल से ऑक्सीजन लेवल हो सकता है कमकेवल गंभीर मामले में हो इसका उपयोग

कोरोना वायरस के मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से सांस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और इसी वजह सो वो दम तोड़ रहे हैं। जाहिर है गंभीर मामले में ऑक्सीजन कम होने से मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है लेकिन ऑक्सीजन लेवल कई अन्य कारणों से भी कम हो सकता है और इसे लेकर एम्स निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के हल्के लक्षणों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने से भी मरीज में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है. उन्होंने कहा है कि हल्के लक्षणों वाले जिन रोगियों ने स्टेरॉयड का सेवन किया था, उनके ऑक्सीजन लेवल में तेजी से गिरावट देखी गई।

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि प्रारंभिक अवस्था में स्टेरॉयड लेने से वायरस को अधिक उत्तेजना मिल सकती है। कई मामलों में, हल्के मामले गंभीर होते जा रहे हैं और मरीज गंभीर निमोनिया बता रहे हैं। बीमारी के पहले पांच दिनों में स्टेरॉयड की कोई भूमिका नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लिए केवल तीन विशिष्ट उपचार प्रभावी हैं. पहला ऑक्सीजन थेरेपी. दूसरा, जब बीमारी मध्यम होती है और ऑक्सीजन संतृप्ति कम होती है, तब स्टेरॉयड की भूमिका होती है। तीसरा थक्कारोधी है, क्योंकि कोरोना का निमोनिया वायरल निमोनिया से थोड़ा अलग है और रक्त के थक्के को बढ़ावा देता है। फेफड़ों में रक्त के थक्के हो सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप रक्त संतृप्ति में गिरावट आ सकती है।

भारत में कोविड-19 के मामले दो करोड़ के पार

भारत में कोविड-19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के एक दिन में 3,57,229 नए मामले आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 2,02,82,833 पर पहुंच गए जबकि 3,449 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंच गई है।

भारत में कोविड-19 के मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे जिसके 107 दिन बाद पांच अप्रैल को संक्रमण के मामले 1.25 करोड़ पर पहुंच गए। हालांकि महामारी के मामलों को 1.50 करोड़ का आंकड़ा पार करने में महज 15 दिन लगे।

सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 34,47,133 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 17 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 81.91 प्रतिशत है।

आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों की संख्या 1,66,13,292 पर पहुंच गई है जबकि मृत्यु दर 1.10 प्रतिशत है।

भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्सएम्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत