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कोरोना वायरस टेस्ट कराने नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल, घर के पास ही सैंपल लेगा बूथ, जानें कीमत

By उस्मान | Updated: April 9, 2020 06:10 IST

कई शहरों में कोरोना वायरस की जांच के लिए बूथ की शुरुआत हो चुकी है

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कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। इससे निपटने के लिए हर देश अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। कोरोना से निपटने की तैयारी के बीच देश के कई शहरों में साउथ कोरिया का तर्ज पर कोरोना वायरस की जांच के लिए फोन बूथ शुरू हुए हैं। इसे वॉक-इन सैंपल कियॉस्क (WISK) कहा जा रहा है, जहां जाकर कोई भी सैंपल जमा करा सकता है।  

द न्यूज़ मिनट के अनुसार, यह एक तरह का क्लिनिकल बूथ और सैंपल लेने वाला बूथ है। इस व्यवस्था में ये ध्यान रखा गया है कि सैंपल जांच कराने आए शख्स और स्वास्थ्यकर्मी के बीच किसी तरह का कोई संपर्क नहीं होगा। इसमें दो तरह के बूथ हैं।

पहले बूथ में व्यक्ति का इतिहास जाना जाएगा यानी यह देखा जाएगा कि वो पिछले दिनों किसी विदेश यात्रा से तो नहीं लौटा है। दूसरे में सामान्य लक्षणों की जांच की जाएगी। अगर व्यक्ति ने कहीं यात्रा की है, तो उसे सैंपल के लिए दूसरे बूथ में भेजा जाएगा।    

ऐसे होती है बूथ पर कोरोना की जांचवॉक-इन सैंपल कियॉस्क एक स्पष्ट और पारदर्शी बूथ है। बूथ के बाहर बैठे लोगों से गले के स्वाब के नमूने लेने के लिए अंदर मेडिकल कर्मी कियोस्क से जुड़े दस्ताने का उपयोग करते हैं। स्वास्थ्यकर्मी को अपने हाथ कियोस्क पर बने दो खोंलों में डालने हैं। 

ये खोल बाहर लटकते दो ग्लव्स से जुड़े हैं। इस तरह स्वास्थ्यकर्मी कियोस्क के बाहर खड़े मरीज को बिना छुए उनके सैंपल को एकत्रित कर सकते हैं। व्यक्ति का सैंपल स्वच्छ वातावरण में लिया जाता है और परीक्षण के लिए भेजा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति का परीक्षण करने के बाद, जिस दस्ताने और कुर्सी पर व्यक्ति बैठा होता है उसे सैनिटाइज कर दिया जाता है।

कहां-कहां पर हैं वॉक-इन सैंपल कियॉस्ककोरोना वायरस की जांच के लिए इस तरह के टेस्टिंग बूथ फिलहाल केरल तमिलनाडु के तिरुपुर, केरल के एर्नाकुलम, झारखंड के चाईबासा, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शुरू किये गए हैं। 

पीपीई से सस्ता और कारगर है बूथवॉक-इन सैंपल कियॉस्क से एक साथ बड़ी आबादी में संक्रमण का टेस्ट करने में मदद मिल सकती है। फोन बूथ कोविड-19 सैंपल कलेक्शन सेंटर को गाड़ी में माउंट करके अलग-अलग कॉलोनी में भी ले जाया जा सकता है। यह तरीका इंफेक्शन से सुरक्षा के तौर पर भी काफी कारगर साबित होगा। 

बताया जा रहा है कि पीपीई किट की तुलना में इसकी लागत भी काफी कम है। यह राज्य में पीपीई किट की कमी को भी दूर करेगा। इसके चैंबर में बैठे कर कर्मी संदिग्ध का सैम्पल ले सकेंगे। इस तरह के किट देश के हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित जगहों के लिए काफी कारगर होंगे।

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