Coronavirus : एक लड़की विदेश से लौटी, अगले दिन आ गया डॉक्टर का फोन, फिर क्या हुआ यह चौंका देने वाला था
By उस्मान | Published: March 17, 2020 03:30 PM2020-03-17T15:30:44+5:302020-03-17T15:30:44+5:30
जानिये क्या हुआ, जब एक लड़की विदेश से लौटी और अगले दिन उसे डॉक्टर का फोन आ गया
कोरोना वायरस से भारत में अब तीन लोगों की मौत हो गई है और संक्रमित मामलों की संख्या 129 पहुंच गई है, यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। दुर्भाग्यवश कोरोना का कोई इलाज नहीं है लेकिन इससे बचाव संभव है। कोरोना के लक्षणों में सिरदर्द, सांस में तकलीफ, छींक आना, खांसी और बुखार शामिल हैं।
डॉक्टर और सरकार बार-बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जिन लोगों को ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें तुरंत जांच के लिए आना चाहिए। इसके अलावा हाल ही में विदेश से यात्रा करके वापस लौटे लोगों से भी जांच कराने की अपील की जा रही है।
कोरोना वायरस के लक्षणों और जांच को लेकर हम आपके लिए एक सच्ची स्टोरी लेकर आए हैं जिसे पढ़ने के बाद आपको कोरोना के प्रति जागरूक होने और दूसरे लोगों में जागरूकता फैलाने में मदद मिल सकती है।
मैंने 5 से 8 मार्च के बीच न्यू यॉर्क की यात्रा की और 9 मार्च को वापस मुंबई लौटे। यहां हवाई अड्डे पर हेल्थ चेकअप के दौरान बुखार की जांच की गई। सभी यात्रियों की जांच हुई। इसके बाद 10 मार्च को होली थी। 11 मार्च की सुबह मुझे डॉक्टर रीना का फोन आया। उन्होंने मुझे कहा कि मैं डॉक्टर रीना बोल रही हूं और कहा कि आप हाल ही यात्रा से लौटी हैं और हमारे पास आपकी पूरी डिटेल है। हम यह जानना चाहते हैं कि क्या आपको सर्दी, खांसी और बुखार जैसे कोई लक्षण तो नहीं हैं?
उस दिन इत्तेफाक से मुझे गले में खराश महसूस हो रही थी और मैंने उन्हें बताया। उन्होंने कहा कि आपको जांच के लिए कस्तूरबा अस्पताल आना होगा। मैं 11.30 के आसपास अस्पताल पहुंच गई। मैंने हेल्प डेस्क पर पता किया कि मुझे जांच के लिए कहां जाना होगा? उनका व्यवहार बहुत बुरा था और उन्होंने सही तरह नहीं बताया कि मुझे कहां जांच करानी है। वहीं पास में एक पुलिसकर्मी खड़ा था और उन्होंने मुझसे पूरी जानकारी ली और बताया कि मुझे कहां जांच करानी है।
मैं वहां पहुंची तो पहले से वहां लगभग दस व्यक्ति लाइन में खड़े हुए थे और सभी शांत दिखाई दे रहे थे। वहां डॉक्टर ने मुझसे यात्रा, लक्षण, उम्र आदि की पूरी जानकारी ली। उन्होंने मुझे एक पर्ची दी और कंप्यूटर पर बैठे एक व्यक्ति को देने को कहा। उसने मुझसे पूरी डिटेल्स ली और मेरा एक कार्ड बना दिया और मुझे एडमिट होने के लिए कहा। उसने कहा कि मेरा एक टेस्ट होगा जिसमें 24 घंटे का समय लगेगा और रिपोर्ट आने के बाद ही छुट्टी मिलेगी। एक वार्ड बॉय ने मुझे वार्ड नंबर 9 में जाने को कहा, जहां कुछ लोग अपनी जांच करा रहे थे।
वार्ड में घुसते ही मैंने नोटिस किया कि वार्ड एकदम साफ-सुथरा था। बिस्तर पुराने थे लेकिन साफ थे। वहां लगभग 30 बिस्तर थे और वहां सिर्फ तीन से चार लोग थे। दूसरा मैंने देखा कि वहां बाथरूम भी बहुत ज्यादा साफ थे। इसके बाद मैंने अपने पति को फोन करके खाने-पीने की चीजें लेने को कहा। वो सामान लेकर आ गया लेकिन उसे अंदर नहीं आने दिया जा रहा था। लेकिन उसने एक वार्ड बॉय के जरिये मुझे खाना भेज दिया।
आधे घंटे बाद एक डॉक्टर आया जोकि पूरी तरह कवर था और उसने कहा कि तुम्हारा स्वैब टेस्ट लिया जाएगा। लेकिन रिपोर्कट का आएगी यह नहीं बताया। कोई कह रहा था कि शाम को सात बजे होगा और किसी ने कहा कि अगले दिन शाम को। हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या चल रहा है। उस समय मेरे दिमाग में आया कि अगर मेरा टेस्ट पॉजिटिव आया, तो क्या होगा? रात 11 बजे के आसपास मुझे रिपोर्ट मिली जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उस रिपोर्ट में कुछ दवाएं भी लिखी थी।
मेरी सब लोगों को सलाह है कि अगर आप जांच के लिए जाते हैं, तो आपको दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहला, अगर आपको किसी तरह के लक्षण नहीं है, तो आपको जांच कराने की जरूरत नहीं है, दूसरा अगर आपको लक्षण है, तो आपको पूरी तैयारी के साथ अस्पताल जाना चाहिए क्योंकि आपको एडमिट होना पड़ सकता है। अपने साथ पानी की बोतल, सैनिटाजर, शीट्स और सभी जरूरत का सामान लेकर जाएं।