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वैज्ञानिकों का दावा, ठीक होने के बाद भी तीन महीनों तक फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है कोरोना

By उस्मान | Updated: May 27, 2021 15:54 IST

कोरोना के मरीजों में फेफड़ों के डैमेज होने की बात सामने आई है

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ठळक मुद्देफेफड़ों को डैमेज करता है कोरोनाठीक होने के बाद भी नुकसान पहुंचा सकता है कोरोना महीनों बाद तक सांस लेने में तकलीफ का सामना कर रहे हैं

वैज्ञानिकों ने अस्पताल से घर लौटने के कम से कम तीन महीने बाद कोविड-19 मरीजों के फेफड़ों में लगातार हो रहे नुकसान को पहचाना है और कुछ मरीजों में यह नुकसान और भी लंबे वक्त तक देखा गया है।  

ब्रिटेन के शेफफील्ड और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ये नुकसान नियमित सीटी स्कैन और क्लिनिकल जांचों में पता नहीं चल रहे हैं और मरीजों को इस कारण से आम तौर पर बताया जा रहा है कि उनके फेफड़े सामान्य हैं।

अध्ययन में यह भी सामने आया है कि जिन लोगों को कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया लेकिन जिन्हें लंबे वक्त तक सांस लेने में तकलीफ होती है उनके फेफड़ों को भी इस तरह का नुकसान हो सकता है। 

शेफफील्ड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक जिम वाइल्ड ने कहा, “अध्ययन के परिणाम बहुत दिलचस्प हैं। 129एक्सई एमआरआई फेफड़ों के उन हिस्सों को इंगित करता है जहां कोविड-19 के फेफड़ों पर दीर्घकालिक प्रभावों के चलते ऑक्सीजन लेने की क्रिया बिगड़ गई थी भले ही वह सीटी स्कैन पर अक्सर सामान्य दिखते हों। 

अध्ययन के प्रमुख अनुसंधानकर्ता, ऑक्सफोर्ड के प्राध्यापक फर्गस ग्लीसन ने कहा, “कोविड-19 के कई मरीज अस्पताल से छुट्टी मिलने के महीनों बाद तक सांस लेने में तकलीफ का सामना कर रहे हैं, बावजूद इसके कि उनके सीटी स्कैन में दर्शाया गया कि उनके फेफड़े सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। 

फेफड़ों को मजबूत बनाने के तरीके

हल्की एक्सरसाइज करें व्यायाम, जैसे तेज चलना, दौड़ना, तैरना, या साइकिल चलाना आदि से सांस लेने की क्षमता बढ़ती है और फेफड़ों की क्षमता में सुधार करते हैं। फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने के लिए आपको भारी प्रशिक्षण या उच्च तीव्रता वाले अभ्यासों की जरूरत नहीं है।

गहरी सांस लेने की तकनीक ट्राई करेंगहरी सांस लेने की तकनीक का अभ्यास करें। विशेष रूप से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के मरीज इसे करें। जिन्हें कोई ऐसी समस्या नहीं है, उन्हें भी इसका पालन करना चाहिए। डायाफ्रामिक टेक्निक गहरी श्वास को बढ़ावा देती है। ह डायाफ्राम मांसपेशी को फेफड़ों से पेट में अंगों को अलग करने को बढ़ावा देता है।

हेल्दी डाइट है बहुत जरूरीसही भोजन करना, अच्छी तरह से व्यायाम करना, और किसी भी प्रकार के जहरीले तत्वों से बचना स्वस्थ फेफड़ों की क्षमता रखने का मूल मंत्र है। सही मात्रा में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट वाली चीजों के सेवन से श्वसन की मांसपेशियों और फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

खूब पानी पियेंअच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, यह फेफड़ों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शरीर के बाकी हिस्सों के लिए।

टीका लगवाएंएलर्जी या किसी भी फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को सलाह के अनुसार नियमित रूप से निमोनिया और फ्लू के लिए टीका लगाया जाना चाहिए।

प्रदूषण से बचेंप्रदूषण भी फेफड़ों की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। प्रदूषण से बचने के लिए आपको घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाना चाहिए। 

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