देश में कंडोम के इस्तेमाल में 52 फीसदी कमी, इस राज्य के लोगों को रास नहीं

By उस्मान | Published: July 12, 2018 01:49 PM2018-07-12T13:49:07+5:302018-07-12T13:49:07+5:30

आबादी को रोकने के कई तरीके हैं जिनमें एक कंडोम का इस्तेमाल भी है। लेकिन भारत में कंडोम का इस्तेमाल तेजी से कम हो रहा है।

condom use declines by 50% in india | देश में कंडोम के इस्तेमाल में 52 फीसदी कमी, इस राज्य के लोगों को रास नहीं

देश में कंडोम के इस्तेमाल में 52 फीसदी कमी, इस राज्य के लोगों को रास नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत की जनसंख्या जिस दर से बढ़ रही है अगर आगे भी इसी ऐसे ही बढ़ती रही, तो वो समय दूर नहीं है जब साल 2024 तक देश 1.7 बिलियन के आंकड़े को छूकर चीन से आगे बढ़ सकता है। आबादी को रोकने के कई तरीके हैं जिनमें एक कंडोम का इस्तेमाल भी है। लेकिन भारत में कंडोम का इस्तेमाल तेजी से कम हो रहा है। हेल्थ मिनिस्ट्री के एक डेटा से पता चलता है कि पिछले आठ सालों 2008 से लेकर 2016 के बीच कंडोम के इस्तेमाल में 52 फीसदी गिरावट आई है। इसके बजाय लोग एबॉर्शन या एमरजेंसी पिल्स का सहारा ले रहे हैं जिनके कई साइड इफेक्ट्स होते हैं। 

इस राज्य में कम करते हैं कंडोम का उपयोग

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, जहां तक सवाल कंडोम के इस्तेमाल की है, तो केरल जैसे सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले राज्य में इसमें 42 फीसदी  तक की कमी आई है और इसके उलट बिहार में इसका प्रयोग करने वालों की संख्या पिछले 8 सालों के दौरान 4 गुना बढ़ी है। साथ ही बिहार में गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल भी बढ़ा है। 

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एमरजेंसी पिल्स का इस्तेमाल 100 फीसदी बढ़ा

एक तरफ जहां पिछले 8 सालों में कंडोम के इस्तेमाल में कमी आई है, वहीं इमरजेंसी पिल्स के इस्तेमाल में 100 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन जैसा कि नाम से पता चल रहा है इमरजेंसी पिल्स का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी के वक्त ही करना चाहिए और उसे नियमित गर्भनिरोधक गोलियों की जगह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

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एमरजेंसी पिल्स के साइड इफेक्ट्स

एक्सपर्ट के अनुसार, इमरजेंसी पिल्स के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं जिसमें इन्फर्टिलिटी, पीरियड्स साइकल में गड़बड़ी और पीरियड्स के दौरान जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग, ब्रेस्ट में पेन, पेट खराब होना, सिरदर्द, थकावट, उल्टी और चक्कर आना जैसी समस्याएं शामिल हैं। 

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8 सालों में दो गुनी हुई एबॉर्शन की संख्या

पारंपरिक गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल में आयी कमी की वजह से सिर्फ इमरजेंसी पिल्स ही नहीं बल्कि पिछले 8 सालों में देशभर में एबॉर्शन की संख्या भी दोगुनी हो गई है। बहुत से मामलों में तो महिलाएं अबॉर्शन के लिए डॉक्टर के पास भी नहीं जातीं और खुद ही दवाइयां खाकर अनचाहे गर्भ को खत्म करने की कोशिश करती हैं जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस तरह के सेल्फ-अबॉर्शन से जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग, इंफेक्शन, सर्विक्स डैमेज और मौत तक हो सकती है।

(फोटो- पिक्साबे) 

Web Title: condom use declines by 50% in india

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