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लिवर से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव करती है कॉफी, पाचन शक्ति और आंत के लिए भी फायदेमंद : स्टडी

By मनाली रस्तोगी | Updated: January 24, 2022 15:52 IST

एक ताजा स्टडी के अनुसार, कॉफी का सेवन करने से ना सिर्फ पाचन शक्ति और आंत पर पीने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि कॉफी पित्ताशय की पथरी और लिवर से जुड़ी कई बीमारियों से बचने में भी मदद करती है।

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ठळक मुद्देकॉफी पित्ताशय की पथरी से बचाव करती हैपाचन शक्ति और आंत पर कॉफी पीने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है'न्यूट्रीएंट' जर्नल में प्रकाशित गई है स्टडी

नई दिल्ली: अधिकांश लोगों को कॉफी पीने की आदत होती है, जबकि एक तबका ऐसा भी है जिसे यह पीना बिल्कुल भी पसंद नहीं। कई लोग कॉफी के फायदों के कारण इसे पीना पसंद करते हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें कॉफी में सिर्फ नुकसान नजर आते हैं। ऐसे में अक्सर ही इसके फायदे और नुकसान की बातें सामने आती रहती हैं, जिसकी वजह से ये तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि कैफीन युक्त इस पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए या नहीं? इसी सिलसिले में सामने आई एक स्टडी से यह पता चला है कि बेहतर पाचन शक्ति और लिवर से जुड़ी कई बीमारियों से बचने के लिए कॉफी का सेवन किया जा सकता है। 

'न्यूट्रीएंट' जर्नल में प्रकाशित है स्टडी

इस स्टडी का निष्कर्ष फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के साइंटिस्टों द्वारा की गई 'न्यूट्रीएंट' जर्नल में प्रकाशित किया गया है, जिसके मुताबिक डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़े बॉडी पार्ट्स को कॉफी के सीमित उपभोग से कोई नुकसान नहीं होता है। ऐसे में कोई भी रोजाना 3 से 5 कप कॉफी पी सकता है। बता दें कि यह निष्कर्ष इस नई स्टडी में पहले प्रकाशित हो चुकी 194 स्टडीज की समीक्षा करने के बाद सामने आया है। इस स्टडी में बताया गया है कि पाचन शक्ति और आंत पर कॉफी पीने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही नहीं, पित्ताशय की पथरी और लिवर से जुड़ी कई बीमारियों से बचने में भी कॉफी मदद करती है। 

क्यों करें कॉफी का सेवन?

ताजा स्टडी में कॉफी से हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा सहित कई अन्य रोगों में भी सुरक्षा मिलने की बात का समर्थन किया गया है। बता दें कि हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा लिवर का सर्वाधिक सामान्य कैंसर होता है। इसके अलावा कॉफी से डाइजेशन की फर्स्ट स्टेज में मदद मिलने के प्रमाण मिलने के बावजूद अधिकांश डेटा ने इस खोज का समर्थन नहीं किया कि कॉफी का गैस्ट्रो-ओसोफेगल रिफ्लक्स पर सीधा प्रभाव पड़ता है। हालांकि, मोटापे और खराब खाने जैसे अन्य जोखिम वाले कारकों का एक संयुक्त प्रभाव भी इसका कारण हो सकता है। मालूम हो, इस स्टडी को फ्रेंच नेशनल ऑफर हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च के निदेशक एस्ट्रिड नेहलिग ने किया है।

कॉफी को लेकर और स्टडी की जरूरत

ऐसे में नेहलिग का कहना है कि कुछ अवधारणाओं के उलट, कॉफी का सेवन समग्र रूप से आंत्र या पाचन समस्याओं से नहीं जुड़ा है। कुछ मामलों में कॉफी का कब्ज जैसी सामान्य पाचन शिकायतों के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि, कुछ आंकड़े ये भी कहते हैं कि बीफोडोबैक्टीरिया का लेवल कॉफी से बढ़ता है। मगर इन सब बातों के बावजूद पूरे पाचन नाल पर कॉफी के प्रभाव को और बेहतर ढंग से समझने के लिए फिलहाल और स्टडी की जरूरत है।

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