मलेरिया से लड़ने के लिए कैंसर की दवा आ सकती है काम! अध्ययन में हुआ खुलासा, जानें
By आजाद खान | Published: June 24, 2023 01:32 PM2023-06-24T13:32:14+5:302023-06-24T13:46:06+5:30
बता दें कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। ऐसे में नई दवाओं की आवश्यकता है जो पैरासाइट्स को मार सकें और मनुष्य के कीमते जीवन बचा सकें।
Health News: यूसीएफ के शोधकर्ताओं का एक ग्रुप कैंसर की दवाओं को मलेरिया को ठीक करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो इससे मलेरिया पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकेगा और एक नए दवा की खोज भी हो पाएगी। बता दें कि पुरानी दवाएं पैरासाइट्स पर सही से असर नहीं कर रही है यही कारण है कि नई दवाओं की जरूरत पड़ रही है।
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो हर साल कई लोगों की जान लेती है और इसका शिकार बच्चे ज्यादा होते है। यह बीमारी अफ्रिका के देशों में ज्यादा पाई जाती है। ऐसे में इस स्टडी में क्या खुलासा हुआ है, आइए इस बारे में जानते है।
स्टडी में क्या खुलासा हुआ है
इस अध्ययन को अध्ययन एसीएस संक्रामक रोग पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में कैंसर की दवा प्रोटीन काइनेज का इस्तेमाल हुआ है। प्रोटीन काइनेज एक ऐसा प्रोटीन जो अन्य प्रोटीन को कंट्रोल करता है। शोधकर्ताओं ने यह पाया कि यह दवा-प्रोटीन काइनेज कैंसर और मलेरिया दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
बता दें कि मलेरिया के पैरासाइट्स इतने बदल गए हैं कि पुरानी दवाएं अब उन पर काम नहीं करती है। पुरानी दवाएं 1990 के दशक में पाई गई थीं तब से पैरासाइटों को मारने के लिए कोई नई दवा नहीं बनाई गई है। यह एक बड़ी समस्या है क्योंकि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। ऐसे में लोगों को नई दवाओं की आवश्यकता है जो पैरासाइट्स को मार सकें और जीवन बचा सकें।
बीआई-2536 मलेरिया के पैरासाइट्स को सही से मारता है
शोधकर्ताओं ने मलेरिया के पैरासाइट्स पर विभिन्न प्रोटीन काइनेज अवरोधकों का परीक्षण किया और उन्हें चौंकाने वाले रिजल्ट मिले है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह पाया कि एक अवरोधक जिसका नाम बीआई-2536 है, वह मलेरिया के पैरासाइट्स को मारने में काफी सक्षम है और यह सही से उन्हें मार भी रहा है। बीआई-2536 एनईके नामक प्रोटीन परिवार को टारगेट करता है और उन्हें मारता है।
ऐसे में अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि प्रोटीन काइनेज अवरोधकों का उपयोग मलेरिया के इलाज के लिए किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अवरोधकों में ज्यादा सुधार के लिए अधिक शोध की अभी भी आवश्यकता है।