Burning Sensation In Feet: पैरों में होती है जलन, अपनाएं इन आयुर्वेदिक नुस्खों को, जल्द मिलेगी राहत
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 22, 2024 06:43 AM2024-03-22T06:43:54+5:302024-03-22T06:43:54+5:30
आयुर्वेद के अनुसार पैरों में जलन कई तंत्रिका विकारों या सूजन के कारण हो सकती है, जो आपके पैरों को प्रभावित करती है।
Burning Sensation In Feet: कभी-कभी सामान्यः मनुष्य के पैरों में जलन का एहसास होता है। पैरों में जलन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, मसलन डायबिटीज, किडनी में गड़बड़ी, विटामिन की कमी, फंगल इंफेक्शन या शराब का सेवन कई बार पैरों में होने वाली जलन तलवों के अलावा एड़ियों या पैरों के अन्य हिस्सों में भी होने लगती है।
पैरों में जलन के कारण लोगों को कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। अगर लंबे समय से पैरों में जलन की समस्या बनी हुई है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नर्व डैमेज जैसी गंभीर बीमारी में भी पैरों में जलन का लक्षण नजर आ सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार पैरों में जलन कई तंत्रिका विकारों या सूजन के कारण हो सकती है, जो आपके पैरों को प्रभावित करती है। लोगों को आमतौर पर न्यूरोपैथी के प्रारंभिक लक्षणों के रूप में पैर के तालू में जलन होती है, जिसके लिए उचित उपचार की आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद न्यूरोपैथी के खतरे को कम कर सकता है और साथ ही कुछ आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करके पैर में होने वाली जलन का कारगर इलाज भी कर सकता है। इन उपायों को साइड-इफेक्ट्स की चिंता किए बिना रोजाना और बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पैरों में जलन को ठीक करने का प्रभावी तरीका हो सकता है।
पैरों की जलन दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय
अश्वगंधा
अश्वगंधा लंबे समय से इस्तेमाल की जाने वाली वह औषधीय जड़ी-बूटी है जिसके आपके शरीर के कई दुष्प्रभाव दूर होते हैं। अश्वगंधा तंत्रिका कार्यों से संबंधित कई विकारों के इलाज में मदद करता है। यदि रक्त प्रवाह में रक्त शर्करा के असामान्य स्तर से गुजर रहे हैं तो यह सबसे अच्छा उपाय अश्वगंधा का प्रयोग हो सकता है।
अश्वगंधा मस्तिष्क तक जाने वाली नसों की शक्ति में सुधार करता है। इससे पैरों में होने वाली जलन ठीक हो सकती है। यह पैरों में मधुमेह न्यूरोपैथी के कारण होने वाले दर्द को भी कम करने में मदद करता है। अश्वगंधा का आयुर्वेदिक उपचार न्यूरोपैथी, तनाव, बार-बार पेशाब आना और तंत्रिका थकावट के खिलाफ विशेष रूप से प्रभावी होता है।
करेला
करेला एक ऐसी सब्जी है, जिससे ज्यादातर लोग दूर भागते हैं। इसका कड़वापन लोगों को कम पसंद होता है लेकिन इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह पैरों सहित पूरे शरीर की नसों में जलन का इलाज करने के लिए एक अद्भुत आयुर्वेदिक उपचार है।
करेले को या तो सब्जी के रूप में खाया जा सकता है या फिर करेले का जूस को भी पीया जा सकता है। यह भी उतना ही फायदेमंद है। यह आपके यौगिक पेप्टाइड्स को प्रभावित करता है और पैरों में तंत्रिका कार्य में सुधार करता है। इसलिए यह पैरों में होने वाले दर्द और जलन का इलाज करने में मदद करता है।
अब्यंगम
यह एक आयुर्वेदिक उपचार प्रक्रिया है। अभ्यंगम मालिश की एक विधि है जो रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए औषधीय तेल की मदद से की जाती है। चूंकि नसों में जलन या दर्द आमतौर पर मस्तिष्क को संकेत भेजने वाली नसों में संपीड़न के कारण होता है, अभ्यंगम इस समस्या को ठीक करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
अब्यंगम मालिश पैरों पर करने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। जिससे तनाव में राहत मिलती है और तंत्रिका में उत्तेजना का प्रभाव पैदा करती है। यह आयुर्वेदिक मालिश मुख्य रूप से व्यक्ति के पैर पर केंद्रित होती है, जिसके माध्यम से यह न्यूरोपैथी को कम करती है या खत्म करती है।
पनीर डोडी
पनीर डोडी के विषय में लोगों को कम जानकारी होती है। भोजन के साथ इसका उपयोग आयुर्वेद में कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए किया जाता है। पनीर डोडी को इंडियन रेनेट के नाम से भी जाना जाता है और यह प्राचीन काल से मधुमेह न्यूरोपैथी से संबंधित समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
इस जड़ी-बूटी में कुछ आश्चर्यजनक फाइटोन्यूट्रिएंट्स शामिल हैं, जिनमें हाइपरग्लेसेमिक गुण होते हैं, जो शरीर में होने वाली तंत्रिका संबंधी समस्याओं को खत्म करने का काम करती है। यह आयुर्वेदिक उपचार रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि और इंसुलिन को बढ़ाती है।
सेब का सिरका
एप्पल साइडर विनेगर से पैर के तलवे में जलन होना बंद हो जाती है। अगर आपके घर में मौजूद हो, तो इसे भी पैरों की जलन से राहत पाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक टब में पानी लें और इसमें 2-3 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं और उसके बाद पैरों का 10 से 15 मिनट डुबोकर रखें। इससे पैरों की जलन शांत होती है।