शरीर पर बेवजह नीले निशान पड़ते हैं? इस खतरनाक रोग का है संकेत, ये 3 उपाय दिलाएंगे राहत
By उस्मान | Published: August 2, 2019 06:03 PM2019-08-02T18:03:57+5:302019-08-02T18:03:57+5:30
शरीर पर पड़े अनचाहे नीले निशान हेल्थ के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं? क्या यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हैं? क्या बाद में इस हिस्से में दर्द या जलन हो सकती है? कहीं यह स्किन कैंसर का लक्षण तो नहीं है?
कई बार चोट लगने के कारण उस हिस्से पर नीला निशान पड़ जाता है। मगर कभी-कभी ऐसा भी होता है कि शरीर के किसी हिस्से पर बिना किसी चोट के भी निशान पड़ जाता है। सवाल यह है कि क्या शरीर पर पड़े अनचाहे नीले निशान हेल्थ के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं? क्या यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हैं? क्या बाद में इस हिस्से में दर्द या जलन हो सकती है? कहीं यह स्किन कैंसर का लक्षण तो नहीं है?
दरअसल चोट लगने से नसों को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर पर नील के निशान हो जाते हैं। शरीर मे कुछ भी बिना किसी कारण के कुछ नही होता है हर समस्या आने से पहले कुछ संकेत जरूर देती है। बेहतर यह है कि त्वचा पर इस तरह के किसी निशान को नजरअंदाज करना आपके लिए खतरा पैदा कर सकता है।
बेवजह शरीर पर नीले निशान पड़ने के कारण
खून की कमी
जब किसी व्यक्ति के शरीर मे खून की कमी होने लगती है या प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं, तो ऐसे नील के निशान शरीर पर दिखाई दे सकते हैं।
लंबे समय से दवाओं का सेवन
जो लोग काफी लंबे समय से दवाई का सेवन कर रहे होते हैं, उन्हें नील के निशान पड़ सकते है क्यूंकि काफी समय से दवाई खाते रहने से खून पतला हो जाता है जिससे नील के निशान पड़ सकते हैं।
पुरानी चोट
कुछ लोगों को जब कोई चोट लगती है, तो खून रुकता नहीं है। यह एक तरह का रोग होता है इसे अनुवांशिक रोग भी कहते हैं। ये रोग रक्त को खराब करता है और खून को पतला बना देता है जिस वजह से नील जैसे निशान शरीर पर देखे जा सकते हैं।
कैंसर और कीमोथेरेपी
अगर आपकी कीमोथेरेपी हो रही है और उसकी वजह से आपका ब्लड प्लेटलेट्स 400,000 से नीचे आ गया है, तो आपके शरीर में बार-बार इस तरह के नील के निशान दिख सकते हैं।
पोषण की कमी
कुछ विटामिन और मिनरल ब्लड क्लॉटिंग और जख्मों को भरने में खास भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी होने से नील के निशान पड़े दिखाई दे सकते हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन सी के और मिनरल्स शामिल हैं।
उम्र बढ़ना
बुजुर्ग लोगों के हाथों के पीछे नील पड़ना एक सामान्य बात है। एक्टिनिक पर्प्युरा कहलाने वाले ये नील के निशान लाल रंग से शुरू होकर, पर्पल, और गहरे रंग के होते हुए फिर हल्के होकर गायब हो जाते हैं। इस प्रकार के निशान इसलिए पड़ते हैं क्योंकि रक्त धमनियां इतने साल सूरज की रोशनी का सामना करते हुए कमजोर हो जाती हैं। एस्पिरिन, कोमाडिन, अल्कोहल इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं।