ब्रिटेन-स्पेन के अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के बाद किया खुलासा, कहा-कोविड टीकाकरण से तंत्रिका संबंधी दुर्लभ बीमारियों का नहीं रहता है खतरा

By आजाद खान | Updated: March 17, 2022 16:45 IST2022-03-17T16:40:26+5:302022-03-17T16:45:15+5:30

आपको बता दें कि अध्ययन के बाद अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अन्य अध्ययनों में भी महामारी के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने का खतरा बढ़ने की बात कही गयी है।

Britain Spain Researchers from made shocking disclosure after study saying covid19 vaccination does not pose risk rare neurological diseases | ब्रिटेन-स्पेन के अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के बाद किया खुलासा, कहा-कोविड टीकाकरण से तंत्रिका संबंधी दुर्लभ बीमारियों का नहीं रहता है खतरा

ब्रिटेन-स्पेन के अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के बाद किया खुलासा, कहा-कोविड टीकाकरण से तंत्रिका संबंधी दुर्लभ बीमारियों का नहीं रहता है खतरा

Highlightsअनुसंधानकर्ताओं ने कोरोना के टीकों को लेकर एक अध्ययन किया है। अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। इस अध्ययन को पूरा करने के लिए 83 लाख लोगों को शामिल किया गया था।

लंदन: कोविड-19 रोधी टीके की खुराक लेने के बाद तंत्रिका तंत्र संबंधी दुर्लभ बीमारियों का खतरा नहीं बढ़ता है। ‘द बीएमजे’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। यह अध्ययन 80 लाख से अधिक लोगों पर किया गया है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद चेहरे की मांसपेशियों को लकवा मारने या उनमें कमजोरी, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में सूजन संबंधी बीमारी ‘इंसेफेलोमाइटिस’ तथा प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने की बीमारी ‘गुलियन बेरी सिंड्रोम’ का खतरा बढ़ जाता है। 

अनुसंधानकर्ताओं ने क्या किया विश्लेषण

पहले ऐसी खबरें आयी थी कि कुछ लोगों को एस्ट्राजेनेका या फाइजर का कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के बाद गुलियन बेरी सिंड्रोम हो गया था। ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्पेन स्थित बार्सिलोना विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 रोधी टीकों, सार्स-सीओवी-2 संक्रमण और प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने के बीच संबंध का विश्लेषण किया है। 

सभी टीका का किया गया था इस्तेमाल

अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन तथा स्पेन में दो बड़े इलेक्ट्रॉनिक प्राथमिक देखभाल स्वास्थ्य रिकॉर्ड के आंकड़ों का इस्तेमाल किया है। इस अध्ययन में 83 लाख लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने एस्ट्राजेनेका, फाइजर, मॉडर्ना या जॉनसन एंड जॉनसन टीके की कम से कम एक खुराक ली था। इसमें टीके की खुराक न लेने वाले और संक्रमित हुए 7,35,870 लोगों को भी शामिल किया था। 

क्या निकला है अध्ययन में

अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 संक्रमण के बाद चेहरे की मांसपेशियों को लकवा मारने या उनमें कमजोरी, सेफेलोमाइटिस तथा गुलियन बेरी सिंड्रोम का खतरा उम्मीद से कहीं अधिक रहा है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अन्य अध्ययनों में भी महामारी के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली के नसों पर हमला करने का खतरा बढ़ने की बात कही गयी है। 
 

Web Title: Britain Spain Researchers from made shocking disclosure after study saying covid19 vaccination does not pose risk rare neurological diseases

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