नई पीढ़ी को नहीं आ रहे अब 32 दांत, अकल दाढ़ भी गायब! बीएचयू के विशेषज्ञ का दावा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 26, 2022 07:53 IST2022-04-26T07:47:41+5:302022-04-26T07:53:25+5:30
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के एक विशेषज्ञ के अनुसार इंसानों में खाने को चबाने वाले दातों की संख्या 12 से घटकर 8 हो गई है। कई युवाओं में अकल दाढ़ भी भी नहीं हो रही है।

नई पीढ़ी को नहीं आ रहे अब 32 दांत! (फाइल फोटो)
वाराणसी: अक्सर आम बोलचाल की भाषा में लोग 32 दांत का जिक्र करते हैं। खुश हुए तो बत्तीसी न दिखाने और नाराज होने पर मार कर बत्तीसी छटकाने की धमकी भी देते हैं। हालांकि, जल्द ही ऐसे मुहावरे कहानियों में सिमट कर रह जाएंगे।
दरअसल, नई पीढ़ी में बत्तीसी हो ही नहीं रही। अब सिर्फ 28 दांत ही उग रहे हैं। ऐसा दिनचर्या व खानपान में बदलाव के कारण हो रहा है। आजकल 15-20 फीसद युवाओं में अकल दाढ़ हो ही नहीं रही है। जिन लोगों में हो रही है, उनमें भी बेतरतीब ढंग से उग रही है और आगे चल कर उनके लिए परेशानी का सबब बन रही है। इनमें मवाद की थैली बन जा रही है और इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जा रहा है।
BHU के विशेषज्ञ के अनुसार चबाने वाले दांत घटकर 8 हुए
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित दंत चिकित्सा संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. टी.पी. चतुर्वेदी बताते हैं कि 12 ऐसे दांत होते हैं जो खाना खाने में सहायक होते हैं। ये छह ऊपर और छह दांत नीचे होते हैं। इन्हें मोलर कहते हैं। शेष 20 दांत सामने होते हैं। अब 15-20 फीसदी युवाओं को 32 की जगह 28 दांत ही उग रहे हैं। चार दांत कम हो गए हैं जिन्हें थर्ड मोलर कहा जाता है।
यह स्थिति पिछले 10 से 30 सालों में देखी जा रही है। अकल दाढ़ 18 से 25 साल के बीच आती है। प्रो. टी. पी. चतुर्वेदी ने बताया कि अमूमन 18 से 25 साल के बीच में लोगों में 29 से लेकर 32वां दांत निकलता है। इसे थर्ड मोलर दांत कहते हैं।
खाना चबाने के लिए 12 दातों के घटकर 8 होने से अब लोगों को खाना चबाने में भी समस्या हो रही है। सामने की ओर से काटने के लिए 20 दांत होते हैं, इसमें कोई बदलाव नहीं है।