सेक्स के दौरान इन 10 बातों का ध्यान रखें दिल-डायबिटीज के मरीज, चौथी गलती ले सकती है जान
By उस्मान | Updated: September 23, 2019 15:59 IST2019-09-23T15:59:18+5:302019-09-23T15:59:18+5:30
Best sex tips for diabetes and heart patient : एक्सपर्ट्स के मानना है कि दिल के मरीजों को सेक्स के दौरान हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है। यही वजह है कि डायबिटीज और दिल के मरीजों को सेक्स के दौरान अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

सेक्स के दौरान इन 10 बातों का ध्यान रखें दिल-डायबिटीज के मरीज, चौथी गलती ले सकती है जान
डायबिटीज और दिल के मरीजों को खाने-पीने से लेकर रोजाना की गतिविधियों का खास ध्यान रखना पड़ता है। हाई ब्लड शुगर आपकी आंखों और पैर की उंगलियों की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि इससे प्राइवेट पार्ट्स की नसों के प्रभावित होने का भी खतरा होता है। यही वजह है कि डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को यौन मामलों में अतिरिक्त सुरक्षा अपनाने की सलाह देते हैं। एक्सपर्ट्स के मानना है कि दिल के मरीजों को सेक्स के दौरान हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है। यही वजह है कि डायबिटीज और दिल के मरीजों को सेक्स के दौरान अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
1) स्ट्रेस टेस्ट
इसे ट्रेडमिल टेस्ट भी कहा जाता है। आपको ट्रेडमिल या साइकिलिंग के जरिये यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि आपके दिल की क्या स्थिति है। इससे आपको अपनी फिजिकल हेल्थ का भी अंदाजा हो जाता है। आप कुछ कार्डियो एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
2) डॉक्टर से खुलकर बात करें
कई बार दिल के मरीज सेक्स को लेकर डॉक्टर से खुलकर बात नहीं करते हैं जिस वजह से उन्हें बेहतर सलाह नहीं मिल पाती है। डॉक्टर इस मामले में आपको बेहतर गाइड कर सकते हैं। वो आपकी स्किल बेहतर करने में मदद कर सकते हैं।
3) घर से बेहतर नहीं कोई जगह
एक्सपर्ट मानते हैं कि दिल के मरीजों को घर पर ही यौन संबंध बनाना चाहिए। इसका कारण यह है कि अगर आप कहीं बाहर है और कुछ हादसा हो जाए, तो आपको मदद मिल सकती है।
4) ज्यादा खाने और शराब से बचें
अध्ययन बताते हैं कि दिल के मरीजों को सेक्स से पहले बहुत ज्यादा खाना या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपको ब्लड फ्लो प्रभावित होता है और आपको हार्ट अटैक आ सकता है। सेक्स से पहले शराब पीना और ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
5) रिलैक्स रहें
एक्सपर्ट के अनुसार दिल के मरीजों को सेक्स के दौरान बहुत ज्यादा जल्दबाजी से बचना चाहिए और अपनी कामुकता पर काबू रखना चाहिए। बहुत ज्यादा फुर्ती दिखाने से हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।
6) मासिक धर्म चक्र जानें
आपको पीरियड्स के दौरान शुरू होने से पहले और बाद में ब्लड शुगर की निगरानी करनी चाहिए क्योंकि चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तन डायबिटीज नियंत्रण को प्रभावित करते हैं। ब्लड शुगर लेवल में किसी भी परिवर्तन को जांचने से आपको अगले महीने के साइकल को पहचानने मदद मिलेगी। इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज करना आपके लिए काफी प्रभावी हो सकता है।
7) टेस्टोस्टेरोन बढ़ाएं
टाइप 2 डायबिटीज वाले कई पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध और इंसुलिन संवेदनशीलता को कम करने से जुड़ा होता है। यदि आप अधिक वजन वाले हैं, तो वजन घटाने से आपके डायबिटीज और टेस्टोस्टेरोन दोनों स्तरों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। हर दिन स्वस्थ आहार लेना और व्यायाम करना जारी रखें। टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी एक विकल्प हो सकता है। अपने डॉक्टर के साथ अपने विकल्पों पर चर्चा करें।
8) इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज कराएं
डायबिटीज से पीड़ित जिन लोगों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन आम है। यह समस्या खराब ब्लड शुगर से हो सकती है, जो नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। इसे उच्च रक्तचाप या कोरोनरी धमनी की बीमारी से भी जोड़ा जा सकता है। यदि आपको इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में परेशानी हो रही हो, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। ईडी के इलाज के लिए आज कई उपचार विकल्प हैं, लेकिन आपको पहले इसके बारे में बात करनी होगी।
9) अवसाद से बचें
डायबिटीज से पीड़ितों में अवसाद बहुत आम है और यह अक्सर आपके अंतरंग संबंधों पर प्रभाव डालता है। इसके अलावा चिंता, आत्मविश्वास की कमी भी आपकी समस्या को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं। आपको बता दें कि यौन मामले में मस्तिष्क का कामकाज भी उतना ही होता है जितना कि शरीर का। कभी-कभी ये बुरी भावनाएँ यौन उत्तेजना और कार्य को प्रभावित करती हैं। एक अच्छा चिकित्सक आपको इन मामलों से उबरने में मदद कर सकता है।
10) डायबिटीज और प्रेगनेंसी
गर्भावस्था भी डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के लिए कोई आसान फेज नहीं है। गर्भवती होने से पहले आपके लिए अपने एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और ओबी-जीवाईएन से अपने रक्त शर्करा के स्तर और स्वास्थ्य के बारे में बात करना बहुत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य देखभाल के लिए इन लोगों की सलाह आपके लिए बहुत जरूरी है। इससे आपको यह समझने में मदद मिलती है कि गर्भावस्था के दौरान आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं।


