भारत की दवा निर्माता कंपनी ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा बनाई जाने वाली आंखों की दवा को अमेरिका की एफडीए ने बताया घातक
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 5, 2023 05:53 PM2023-04-05T17:53:17+5:302023-04-05T17:58:06+5:30
अमेरिका के एफडीए ने भारत की वैश्विक दवा कंपनी ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर को लेकर एक चेतावनी जारी की है। भारत की यह दवा कंपनी आंखों के रोग से संबंधित दवाएं बनाती है।
वाशिंगटन: अमेरिका के खाद्य एवं दवा विभाग (एफडीए) के प्राशासनिक अधिकारियों ने भारत की वैश्विक दवा कंपनी ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर को लेकर एक चेतावनी जारी की है। भारत की यह दवा कंपनी आंखों के रोग से संबंधित दवाएं बनाती है। इस कंपनी के विषय में अमेरिकी स्वास्थ्य निरीक्षकों का कहना है कि कंपनी की बनाई आंखों की दवा से लोगों को इंफेक्शन समेत अन्य बीमारियां हो रही हैं।
एफडीए के अधिकारियों के अनुसार ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव का प्रमुख कारण है कि कंपनी जिस फैक्ट्री में दवा को तैयार करती है, उसमें समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था का अभाव है। एफडीए अमेरिका की वह संस्था है, जिसे यूएस को भेजे जाने वाले विदेशी उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है।
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की ओर से दी गई खबर के मुताबिक एफडीए ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर कंपनी के द्वारा दवा बनाने की प्रक्रिया के संबंध में फरवरी के अंत से लेकर मार्च की शुरुआत तक एक निरीक्षण किया गया था। जिसमें इस बात को परखा गया कि ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर किस प्रकार आंखों की दवाएं बनाती है। एफडीए की प्रारंभिक निरीक्षण रिपोर्ट से यह बात सामने आयी है कि कंपनी में दवा बनाने संबंधी प्रक्रिया में एक नहीं बल्कि एक दर्जन अधिक समस्याएं थीं।
एफडीए कर्मचारियों ने लिखा है कि कंपनी ऐसी प्रक्रियाओं का उपयोग करती है जो वास्तव में यह सुनिश्चित नहीं कर सकती हैं कि दवा को स्वच्छ वातावरण में तैयार किया जाता है। निरीक्षण करने वाले निरीक्षकों ने विशेष रूप से यह पाया है कि कंपनी की दवा उत्पाद फैक्ट्री में दिसंबर 2020 और अप्रैल 2022 के बीच तैयार किये गये दवा उत्पादों को "दोषपूर्ण निर्माण प्रक्रिया" से तैयार किया गया था। जिन्हें बाद में यूएस भेजा गया था।
अमेरिका की एफडीए ने भारत की जिस वैश्विक दवा कंपनी ग्लोबल फार्मा के बारे में रिपोर्ट जारी किया है, वह दक्षिणी तमिलनाडु के अपने फैक्ट्री में आंखों की दवा बनाती है। कंपनी पर आरोप है कि उसके द्वारा यूएस भेजे गई दवाओं की खेप में जीवाणु संक्रमण पाये गये हैं, जिसमें कारण तीन लोगों की मौत हो गई और आठ लोगों की आखों की रोशनी चली गई। वहीं दवा से फैले संक्रमण के बाद चार लोगों की आंखों की पुतलियों को ऑपरेशन के जरिये निकालना पड़ा। उस घटना के बाद 3 फरवरी में दो अमेरिकी वितरकों एज़्रीकेयर और डेलसम फार्मा से कंपनी ने दवाओं की खेप को वापस बुला लिया था।
ग्लोबल फार्मा द्वारा 3 फरवरी को अपने दवा उत्पाद की वापसी की घोषणा के लगभग दो सप्ताह बाद एफडीए के निरीक्षक 20 फरवरी को दक्षिणी तमिलनाडु स्थित दवा प्लांट में पहुंचे। उसके बाद एफडीए निरीक्कों ने पूरे प्लांट का दौरा किया।
रिपोर्ट में एफडीए ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष के आधार पर कहा कि दवा प्लांट में कई मानकों का उल्लंघन किया जा रहा था, जिसके लिए एफडीए ग्लोबल फार्मा को एक औपचारिक चेतावनी पत्र द्वारा सभी मानकों के पालन किए जाने की सलाह दे सकता है। इस संबंध में एफडीए प्रवक्ता ने कहा कि निरीक्षण से पता चलता है कि ग्लोबल फार्मा के दवा उत्पाद की निर्माण प्रक्रिया में एफडीए के तय मानकों का उल्लंघन हुआ था।
एफडीए की ओर से ग्लोबल फार्मा की बनाई आंखों की दवा के संबंध में बाकायदा एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि हम उपभोक्ताओं से ग्लोबल फार्मा के दवा उत्पादों के उपयोग को फौरन बंद करने का आग्रह करते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।