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'दिसंबर 2023 में कोविड के नए वेरिएंट के कारण लगभग 10,000 लोगों की मौत हुई'- WHO प्रमुख टेड्रोस ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 11, 2024 11:28 IST

डब्लूएचओ प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि बीते दिसंबर 2023 में लगभग 10,000 लोगों की मौत कोविड के कारण हुई और लगभग 50 देशों के अस्पताल में मरीजों के प्रवेश में 42 फीसदी की वृद्धि हुई है।

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ठळक मुद्देबीते दिसंबर 2023 में लगभग 10,000 लोगों की मौत कोविड के कारण हुई हैडब्लूएचओ प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि 50 देशों में 42 फीसदी मरीज अस्पताल पहुंचे हैंउन्होंने कहा कि कोविड के नये वेरिएंट का ज्यादातर असर यूरोप के देशों और अमेरिका में हुआ है

जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) डॉक्टर टेड्रोस घेब्रेयसस ने बीते बुधवार को कहा कि बीते साल के दिसंबर में आयोजित छुट्टियों और सभाओं के कारण कोविड के नए वेरिएंट का तेजी से प्रसार हुआ है। डब्लूएचओ प्रमुख ट्रेडोस ने बताया कि दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं और लगभग 50 देशों में अस्पताल में मरीजों के प्रवेश में 42 फीसदी की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि कोविड के नये वेरिएंट का असर और प्रसार ज्यादातर यूरोप के देशों और अमेरिका में हुआ है और इन देशों में स्थिति बेहद गंभीर है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने जिनेवा स्थित अपने मुख्यालय से पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हालांकि प्रति माह 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह स्तर स्वीकार्य नहीं है।"

उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि अन्य स्थानों पर मामले बढ़ रहे हैं, जहां रिपोर्ट नहीं की जा रही है। उन्होंने कोविड पर काबू पाने के लिए सरकारों से निगरानी बनाए रखने और उपचार और टीकों तक निरंतर पहुंच प्रदान करने का आह्वान भी किया।

टेड्रोस ने कहा कि JN.1 वैरिएंट अभी दुनिया में तेजी से फैलने वाला कोविड का वेरिएंट है। यह एक ओमिक्रॉन संस्करण है, इसलिए वर्तमान टीकों से लोगों को कुछ सुरक्षा जरूर मिलेगी।

डब्ल्यूएचओ में कोविड-9 के लिए तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि दुनिया में इस समय न केवल कोरोनो वायरस बल्कि फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण भी श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के महीनों के दौरान ये रुझान जनवरी तक जारी रहेंगे, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में अब गर्मी है। इस कारण से वहां लोगों को राहत मिल सकती है।"

 मारिया वान केरखोव ने कहा कि सर्दियों में खांसी, नाक बहने, बुखार और थकान की शिकायत कोई नई बात नहीं है। विशेष रूप से इस वर्ष की बात करें तो हम कई अलग-अलग प्रकार के रोगजनकों का प्रसार देख रहे हैं।

आखिरकार डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने लोगों को सलाह दी कि जब भी संभव हो लोगों को टीका लगवाना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि घर के अंदर का वातावरण हवादार रहे।

वहीं डब्ल्यूएचओ में आपात स्थिति के प्रमुख डॉ माइकल रयान ने कहा, "हो सकता है कि टीके आपको संक्रमित होने से न रोकें, लेकिन टीके निश्चित रूप से आपके अस्पताल में भर्ती होने या मरने की संभावना को काफी कम कर रहे हैं।"

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