नई दिल्ली, 31 मई: रियाल मैड्रिड के कोच जिनेदिन जिदान ने गुरुवार को अचानक ही पद छोड़ने का ऐलान करते हुए सबको चौंका दिया। जिदान पिछले तीन सालों से मैड्रिड के कोच थे और इस दौरान मैड्रिड ने लगातार तीन बार चैंपियंस लीग का खिताब अपने नाम किया।
45 वर्षीय जिदान पर ला लीगा की विजेता बार्सिलोना से पिछड़ने के बाद चैंपियंस लीग जीतने का काफी दबाव था, जिसे उन्होंने कर दिखाया। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिदान ने कहा, 'वास्तव में, मैं वापस लौट सकता हूं। मैं हमेशा इस क्लब के पास रहूंगा, क्योंकि ये मेरे दिल के करीब है। मुझे लगता है कि कई लोग इसे नहीं समझेंगे लेकिन यही सही समय है। बदलाव का समय है। खिलाड़ियों के लिए भी।'
जिदान ने कहा, 'कोच के तौर पर काम करना बहुत थकाने वाला होता है-वह भी रियाल मैड्रिड जैसे क्लब के साथ, जब मुझे लगा कि अब देने के लिए ज्यादा कुछ नहीं बचा है, तो मैं जा रहा हूं।'
जिदान की कोचिंग में रियाल मैड्रिड ने शनिवार को कीव में खेले गए फाइनल में गैरेथ बेल के दो गोलों की मदद से लीवरपूल को 3-1 से हराते हुए लगातार तीसरी बार चैंपियंस लीग का खिताब अपने नाम कर लिया था।
ला-लीगा में हार की वजह से दिया इस्तीफा
जिदान ने साफ किया कि उनके इस निर्णय का क्रिस्टियानो रोनाल्डो के उस संकेत से कुछ लेनादेना नहीं जिसमें उन्होंने चैंपियंस लीग की जीत के बाद रियाल मैड्रिड को छोड़ने के संकेत दिए थे। जिदान के इस फैसले के पीछे रियाल मैड्रिड के ला-लीगा में खराब प्रदर्शन को माना जा रहा है, जिसमें उनकी टीम तीसरे स्थान पर रही थी और उसे चिर-प्रतिद्वंद्वी और इस बार की चैंपियन बार्सिलोना से मात मिली थी।
भविष्य में क्या करेंगे जिनेदिन जिदान?
जिदान का ये चौंकाने वाला निर्णय उस घटना के 12 साल बाद आया जिसने इस स्टार मिडफील्डर के करियर का अंत बेहद विवादास्पद ढंग से किया था। जिदान को 2006 के वर्ल्ड कप फाइनल में इटली के मार्को माटेराजी को सीने में हेडबट (सिर से मारने) की वजह से रेड कार्ड दिखाया गया था, जिसने फ्रांस की खिताबी जीत की उम्मीदों को खत्म कर दिया था।
रियाल मैड्रिड का कोच पद छोड़ने के बाद जिदान का अगला कदम क्या होगा, ये अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन 1988 में जिदान के पहले प्रोफेशन क्लब एसी कांस के कोच रहे गाई लाकोंबे ने कहा कि कोच के तौर पर जिदान के लिए ज्यादा कुछ हासिल करने को बचा नहीं है क्योंकि वह लगभग सबकुछ जीत चुके हैं। लाकोंबे कहते हैं, 'लेकिन अभी एक चीज बाकी है...' 'एक दिन वह फ्रांस की राष्ट्रीय टीम का कोच जरूर बनना चाहेंगे।' जिदान के इस पूर्व कोच का कहना है, 'ये सही समय पर और सही परिस्थितियों में होगा। अभी कोई जल्दबाजी नहीं है।'