सीबीएसई दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं वर्क फ्रॉम होम कार्यप्रणाली के तहत शिक्षकों के घर भेजकर जंचवाई जाएंगी। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन भी हो सकेगा और बोर्ड परीक्षा परिणाम को लेकर अभिभावक और छात्रों की चिंता भी दूर हो सकेगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को कहा कि गृह मंत्रालय की मंजूरी मिलने के साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने उनके निर्देश पर काम शुरू कर दिया है।
बोर्ड ने उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए देश भर में 3000 मूल्यांकन केंद्र बनाए हैं। जहां से परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका विषय शिक्षकों के घर जांच के लिए भेजी जाएगी और जांच के बाद वापस मूल्यांकन केंद्र आएंगी।
पोखरियाल ने कहा कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिला सहित देश भर में 29 विषयों की बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं। जिसके लिए सीबीएसई पहले ही शेड्यूल जारी कर चुका है। यह शेष परीक्षाएं एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएंगी। इससे पहले जो परीक्षाएं हुई हैं उनकी 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं चैक होनी बाकी हैं। जिन्हें जांचने में 50 दिन का समय लगेगा। इसके बाद बोर्ड का परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली, पंजाब और हिमाचाल के शिक्षा मंत्रियों ने हाल में हुई बैठक में यह सुझाव दिया था कि सीबीएसई को विषय शिक्षकों के घर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करानी चाहिए। शिक्षकों की ओर सह यह मांग की जा रही है। जिससे परीक्षा परिणामों में देरी न हो और शिक्षकों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर संक्रमण से बचाया जा सकेगा।
इसके बाद गृह मंत्रालय से इसकी अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद सीबीएसई को शिक्षकों के घर से उत्तर-पुस्तिकाएं जंचवाने के निर्देश दिए गए हैं। सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में करीब दो माह का समय लगेगा। जिसमें शेष विषयों की परीक्षा आयोजित करने और उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह के अंतिम सप्ताह तक बारहवीं कक्षा के परिणाम जारी हो सकते हैं।