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बिना परीक्षा पास नहीं होंगे दसवीं-बारहवीं के छात्र: रमेश पोखरियाल निशंक

By एसके गुप्ता | Updated: April 28, 2020 05:27 IST

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक जवाब में बताया कि नई शिक्षा नीति में 3 से छह साल तक की आयु वाले छोटे बच्चों के लिए सीखने और पढ़ाने के सहज और सरल तरीकों पर काम किया गया है।

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ठळक मुद्देदेश में छह जहार से ज्यादा वीडियों और 2 हजार से ज्यादा लेक्चर तैयार हैं। छात्र इसके अलावा एनसीईआरटी के ई-पाठशाला एप से किताबें डाउनलोड कर सकते हैं।

बिना बोर्ड परीक्षा दिए छात्रों को दसवीं-बारहवीं में उत्तीर्ण नहीं किया जाएगा। जब तक परीक्षाओं की नई तारीखें नहीं आती छात्र लॉक डाउन के दौरान अपनी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे रहें। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को ट्वीटर और फेसबुक पर छात्र-अभिभावकों से लाइव संवाद करते हुए उन्हें यह जानकारी दी।

उन्होंने परीक्षाओं को लेकर तमाम तरह की अटकलों को दूर करते हुए कहा कि सीबीएसई की ओर से जिन 29 मुख्य विषयों की परीक्षा निर्धारित की हैं। ट्वीटर लाइव पर छात्रों ने नए सत्र को लेकर देरी की आशंका जताते हुए मंत्री से यह अपील भी की कि उन्हें बिना परीक्षा ही आगे की क्लास में प्रमोट कर दिया जाए।

इस पर रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से दो टूक कहा कि दसवीं-बारहवीं के छात्रों को शेष परीक्षाओं को देना ही होगा। बोर्ड के मुख्य विषयों की परीक्षा के आधार पर ही छात्रों का परिणाम जारी किया जाएगा।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेईई और नीट परीक्षा को लेकर छात्रों की ओर से किए गए सवाल पर कहा कि देश एक संकट से गुजर रहा है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जेईई और नीट परीक्षाओं को मई माह के बाद कराना सुनिश्चित किया है।

अभिभावकों ने पूछा कि स्कूल कब से खुलेंगे? जवाब में मंत्री ने कहा कि बच्चों का जीवन सबसे महत्वपूर्ण हैं, हालात सामान्य होते ही स्कूल भी खुलेंगे और परीक्षाएं भी होंगी। उन्होंने छात्रों को किताबें पढने की सलाह दी। छात्रों की ओर से एनसीईआरटी किताबें न मिलने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृमंत्रालय ने किताबों की बिक्री खोल दी है। एनसीईआरटी की ओर से किताबें राज्यों को भेज दी गई हैं।

जल्द ही दुकानों पर किताबें उपलब्ध हो जाएंगी। छात्र इसके अलावा एनसीईआरटी के ई-पाठशाला एप से किताबें डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश में छह जहार से ज्यादा वीडियों और 2 हजार से ज्यादा लेक्चर तैयार हैं। जिन्हें ई-क्लासेज के माध्यम से और फ्रीडिश पर दूरदर्शन के चैनल्स पर प्रसारित किया जा रहा है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक जवाब में बताया कि नई शिक्षा नीति में 3 से छह साल तक की आयु वाले छोटे बच्चों के लिए सीखने और पढाने के सहज और सरल तरीकों पर काम किया गया है। बच्चों के लिए दैनिक जीवन से जुडी चीजों के वीडियों बनाकर उन्हें सीखाने और पढाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने वाट्सअप और वीडियों लेक्चर के माध्यम से छात्रों को पढा रहे शिक्षकों के प्रयासों की भी प्रशंसा की। 

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