मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया में पहले से ही सामाजिक आरक्षण है. अब महाराष्ट्र सरकार ने 78 फीसदी आरक्षण नए सिरे से लागू किया है. इससे सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए केवल 22 फीसदी ही सीटें शेष रहेंगी. पीजी सीट पर 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं हो, इस मांग को लेकर मंगलवार को राज्य के मेडिकल कॉलेजों के सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों ने शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के ट्रॉमा केयर सेंटर के समक्ष प्रदर्शन किया.विद्यार्थियों ने बताया कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने सीमित समय के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था. वोट की राजनीति से यह 78 फीसदी तक पहुंच गया है. इसका सर्वाधिक असर मेडिकल की पीजी सीट पर पड़ा है. मेरिट सूची में स्थान पाने पर भी सीट नहीं मिलने से मेधावी विद्यार्थियों की मेहनत व्यर्थ जा रही है.इस साल महाराष्ट्र में लागू हुए नए आरक्षण अर्थात सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 16 फीसदी व आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के लिए 10 फीसदी कोटे से सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है.राज्य में पीजी के लिए कुल 3913 विद्यार्थी पात्र हुए हैं. इसमें से सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या 2024 है. कुल सीटें 972 हैं. इसमें सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए केवल 221 सीटें हैं. अतिरिक्त आरक्षण से हजारों मेधावी विद्यार्थियों का भविष्य मुश्किल में पड़ गया है.उन्होंने कहा कि आरक्षण को उनका विरोध नहीं है लेकिन मेडिकल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं हो. 50 फीसदी सीटें सामान्य वर्ग के लिए रखी जाएं. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व डॉ. अदिती गुप्ता ने किया.
सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की मांग, मेडिकल की पीजी सीट पर 50 फीसदी से अधिक नहीं हो आरक्षण
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 3, 2019 08:22 IST