नई दिल्लीः जेईई मुख्य परीक्षा के ऐसे केंद्र जो बाढ़ की चपेट में हैं और वहां परीक्षा नहीं होती है। ऐसे परीक्षा केंद्र के छात्रों को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से एक मौका देने पर विचार किया जा रहा है।
लेकिन जो छात्र परीक्षा नहीं देकर बहाना बनाएंगे। उन छात्रों को कोई मौका नहीं मिलेगा। यह बात नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक डा. विनीत जोशी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि फिलहाल मंगलवार को होने वाली जेईई मुख्य परीक्षा पर पूरा ध्यान केंद्रित है।
परीक्षा केंद्र और सिटी कोर्डिनेटर को दिन-रात परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग और वहां दो गज की दूरी के नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं। कोरोना काल में यह देश में होने वाली सबसे बड़ी परीक्षा होगी। जिसके लिए 9.53 लाख से अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
एनटीए के महानिदेशक डा. विनीत जोशी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि जेईई की मुख्य परीक्षा पिछले साल 8 शिफ्ट में हुई थी। इस बार हर दिन दो शिफ्ट में लगातार छह दिन यानि 12 शिफ्टों में परीक्षा होगी। पिछली परीक्षा में एक कमरे में 25 छात्रों को बैठाया गया था।
इस बार कमरे में 12 छात्र बैठेंगे। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि परीक्षा केंद्र में ऑड-ईवन नंबर लिखे कंप्यूटर के हिसाब से पहली शिफ्ट में ऑड नंबर वाले कंप्यूटर पर और दूसरी शिफ्ट में ईवन नंबर वाले कंप्यूटर पर परीक्षा होगी।
इसे ऐसे भी समझ सकते कि पहली शिफ्ट में जिन कंप्यूटर का इस्तेमाल परीक्षार्थी करेंगे, दूसरी शिफ्ट में आने वाले छात्रों को दो गज की दूरी के लिए बीच में खाली छोड़े गए कंप्यूटर पर परीक्षा दिलाई जाएगी। पिछले साल परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 थी इस बार यह बढ़ाकर 660 की गई है।
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-हर परीक्षा केंद्र पर ‘क्यू मैनेजर’ बनाए गए हैं। परीक्षा केंद्र में प्रवेश से लेकर परीक्षा छूटने पर यह छात्रों के बीच दो गज की दूरी को करेंगे।
- हर छात्र के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
-परीक्षा केंद्र में पहले 25 छात्रों पर एक इनविजिलेटर होता था, इस बार 12 परीक्षार्थियों पर दो इनविजिलेटर होंगे।
-परीक्षा केंद्र के लिए राज्य के स्थानीय प्रशासन से सहयोग मांगा गया है कि वह परीक्षा केंद्र के बाहर भीड़ एकत्रित न होने दें।
-अभिभावकों से अपील की गई है कि वह छात्र को परीक्षा केंद्र के बाहर छोड़कर तुरंत वहां से निकल जाएं।