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JEE (Main) 1 से 6 सितंबर और NEET (UG) की परीक्षा 13 सितंबर से होगी शुरू, सरकार ने की घोषणा

By पल्लवी कुमारी | Updated: August 21, 2020 21:18 IST

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में  कोविड-19 महामारी के मद्देनजर  JEE (Main) प्रैल, 2020 और NEET (UG) की सितंबर में होने वाली परीक्षायें स्थगित करने के लिये दायर याचिका को खारिज कर दिया है। 

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ठळक मुद्दे कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा होने के कारण इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाएं स्थगित की गई थी।मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 26 जुलाई को और जेईई-मेन्स 18 से 23 जुलाई को होने तय थे। लेकिन उसे कैंसिल किया गया था।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)ने घोषणा की है कि JEE (Main) परीक्षा 1 से 6 सितंबर तक और NEET (UG) परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कराई जाएगी। जुलाई में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोविड-19 की तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाएं नीट और जेईई सितंबर तक स्थगित कर दी थी। जुलाई में परीक्षाएं कराने की संभावनाओं की समीक्षा करने के लिए गठित चार सदस्यीय समिति की सलाह पर यह फैसला लिया गया था। 

केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने कहा जुलाई में कहा था कि छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए हमने जेईई और नीट परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला लिया है। जेईई-मेन परीक्षा एक से छह सितंबर तक होगी, जबकि जेईई-एडवांस परीक्षा 27 सितंबर को होगी। नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी।

 कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा होने के कारण इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाएं पहली बार पांच मई को स्थगित की गई थीं। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 26 जुलाई को और जेईई-मेन्स 18 से 23 जुलाई को होने तय थे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा ली जाने वाली जेईई-एडवांस परीक्षा 23 अगस्त को होनी थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की JEE (Main) और NEET (UG) परीक्षाएं स्थगित करने वाली याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर  JEE (Main) प्रैल, 2020 और NEET (UG) की सितंबर में होने वाली परीक्षायें स्थगित करने के लिये दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता और जीवन चलते रहना है।

 न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा , न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये कहा था कि छात्रों के शैक्षणिक जीवन को लंबे समय तक जोखिम में नहीं डाला जा सकता। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षाओं के आयोजन का मार्ग प्रशस्त करते हुये पीठ ने कहा, ‘‘जीवन चलते रहना है। जीवन को आगे बढ़ना है। छात्रों का कीमती साल बर्बाद नही किया जा सकता।’’ 

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

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