जम्मू-कश्मीर में 10वीं कक्षा की सालाना परीक्षाएं मंगलवार को शुरू हुईं। ये परीक्षाएं कश्मीर घाटी और विंटर जोन जम्मू क्षेत्र में हो रही हैं। यहां 12वीं क्लास की परीक्षाएं बुधवार से शुरू हो रही हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में कक्षा 5 से 12 तक परीक्षाओं की तारीख जारी की थी। इस कदम को जम्मू-कश्मीर में बच्चों को स्कूल लाने के प्रयास के तौर पर देखा गया।
कश्मीर में 10वीं की परीक्षा में बैठे 99 फीसदी छात्र
जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन (JKBOSE) द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 10वीं क्लास की इन परीक्षाओं में कश्मीर डिविजन के करीब 65 हजार और जम्मू क्षेत्र के विंटर जोन के करीब 24 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया। इसके लिए क्रमश: 615 और 296 केंद्र स्थापित किए गए थे।
दिव्यांग छात्रों के लिए श्रीनगर के बेमिना स्थित बोस कैंपस में एक विशेष केंद्र भी बनाया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'जेऐंडके बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन की चेयरपर्सन वीना पंडिता ने कहा, इस परीक्षा में कश्मीर के 99 फीसदी छात्र बैठे। किसी भी अवांछित घटना की कोई जानकारी नहीं है।' उन्होंने कहा कि हमने कश्मीर भर में 615 केंद्र स्थापित किए थे और सबकुछ ठीक रहा, इस सभी परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 लागू थी।.कश्मीर में परीक्षा केंद्रों के बाहर चिंतित अभिभावक अपने बच्चों के बाहर आने का बेसब्री से इंतजार करते आए। इनमें से एक अभिभावक ने बताया कि कश्मीर में बहुत अनिश्चितता है। पुराने शहर में पत्थर फेंकने की घटनाएं हुई थीं, और इसलिए हमें परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
पुलवामा में परीक्षा केंद्र के बाहर सीआरपीएफ पर हमला
दोपहर 3 बजे के बाद छात्रों ने परीक्षा केंद्रों से बाहर आने लगे। इनमें से एक छात्र ने कहा कि मैं पिछले तीन महीनों में जिन अध्यायों को पढ़ नहीं सका था, उसे लेकर चिंतित था। लेकिन शुक्र है कि उसमें से कोई सवाल नहीं आया।
वहीं मंगलवार को ही पुलवामा जिले के ड्रैबगाम में एक परीक्षा केंद्र के बाहर सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवानों पर आंतकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे वहां पांच छाक्ष परीक्षा केंद्र के अंदर फंस गए, हालांकि सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सभी छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया।