देश की सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले कमजोर छात्रों पर मेहबान होगी। आईआईटी ने इन छात्रों को लेकर एक प्रस्ताव जारी करेगा। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इसके अंतर्गत अगर कोई छात्र कमजोर है तो वह तीन साल में एग्जिट कर सकता है।
एग्जिट करने छात्रों को इंजीनियरिंग में बी.एससी. की डिग्री दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद ने सभी 23 संस्थानों के साथ निर्णय लिया है।
बता दें सभी आईआईटी में अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम में छात्रों को चार साल पूरा करने के बाद बीटेक की डिग्री प्रदान की जाती है। इस प्रस्ताव के बाद अगर कोई कमजोर छात्र तीन साल में एग्जिट करना चाहता है तो उसे इंजीनियरिंग में बी.एससी. की डिग्री प्राप्त की जाएगी।
वहीं, हाल ही में अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) ने अपनी एक सर्वे में खुलासा किया है कि साल 2018-19 में बीटेक (B.Tech) और एम.टेक (M.Tech) प्रोग्राम में छात्रों के एनरोलमेंट में भारी गिरावट आई है।
एआईएसएचई के सर्वे के मुताबिक यह गिरावट पिछले चार सालों में सबसे अधिक है। AISHE 2018-19 के मुताबिक टेक्नॉलजी में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की संख्या पिछले 5 में आधे से भी कम हो गई है। बता दें कि 2014-15 में 2,89,311 छात्रों ने एनरोलमेंट कराया था, जबिक 2018-19 में 1,35,500 छात्रों एनरोलमेंट कराया था।