Civil Engineering: 10 IIT संस्थानों से सिविल इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों में केवल 57% को 2020-21 में मिली प्लेसमेंट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 28, 2022 10:14 AM2022-04-28T10:14:55+5:302022-04-28T10:15:05+5:30
नई दिल्ली: कई बार छात्र कोर्स से ज्यादा संस्थान को तरजीह देते हैं। मसलन इंजीनियरिंग के कोर्स की बात करें को स्टूडेंट भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) या नेशनल इंस्टट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में नामांकन चाहते हैं। ऐसे में कई बार वे टॉप कॉलेज देखर ब्रांच या स्ट्रीम की परवाह नहीं करते। हालांकि आंकड़े दिखाते हैं सही ब्रांच नहीं चुनने का फैसला गलत भी साबित हो सकता है, भले ही कॉलेज कोई भी हो। एक तरह से यह मिथ्या है कि आईआईटी के छात्रों का करियर सुरक्षित हो जाता है।
13 IIT के डेटा से पता चलता है कि IIT से स्नातक 23 प्रतिशत को प्लेसमेंट प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए बावजूद प्लेसमेंट हासिल नहीं कर सकें। साल 2020-21 में इंजीनियर कोर्स के मुख्य ब्रांच में से एक सिविल इंजीनियरिंग का आईआईटी और एनआईटी दोनों में छात्रों के सबसे कम प्लेसमेंट रिकॉर्ड है। जिन 13 आईआईटी के लिए हमारे पास डेटा है, उनमें से केवल 10 साझा डेटा हैं जिनका उपयोग सही तुलना के लिए किया जा सकता है। लेकिन यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त है।
सिविल इंजीनियरिंग: प्लेसमेंट प्रतिशत और सैलरी
वेबसाइट careers360.com की मार्च की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में सिविल इंजीनियरिंग के लिए 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों और 13 IIT के डेटा के विश्लेषण से प्लेसमेंट रेट और वेतन आदि की जानकारी मिलती है।
रिपोर्ट के अनुसार सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच से प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों में केवल 57 प्रतिशत छात्रों को प्लेसमेंट मिला। कुछ ब्रांच जिनकी प्लेसमेंट दरें कम थीं, उनमें रजिस्ट्रेशन दरें भी कम थीं। इन ब्रांच में नामांकन लेने वालों की संख्या से छात्रों के प्लेसमेंट पर नजर डालें तो 43 फीसदी ही प्लेसमेंट हासिल कर सके।
संख्या की बात करें तो आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग के कुल 328 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन की और 142 को प्लेसमेंट नहीं मिल सका। कुल मिलाकर नामांकित 437 छात्रों में से 251 को प्लेसमेंट नहीं मिला। आईआईटी मानकों और छात्रों की अपेक्षाओं के हिसाब से देखें तो ये प्रतिशत बहुत ज्यादा है।
अन्य ब्रांच के औसत वेतन और सिविल इंजीनियरिंग स्नातकों के वेतन में भी व्यापक अंतर है। 10 आईआईटी में औसत वेतन 15.6 लाख रुपये रहा। हालांकि सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए यह 11.10 लाख रुपये था। यह सभी ब्रांच के औसत वेतन से लगभग 30 प्रतिशत कम है।