‘जगत जननी’ को लिखे मोदी के पत्रों को अगले महीने अंग्रेजी किताब के रूप में प्रकाशित करेगा हार्परकॉलिन्स

By भाषा | Published: May 28, 2020 05:26 PM2020-05-28T17:26:39+5:302020-05-28T17:26:39+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखे कई पत्रों को अगले महीने अंग्रेजी में एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। प्रख्यात फिल्म आलोचक भावना सोमाया द्वारा गुजराती भाषा से अनुवादित ‘‘लेटर्स टू मदर’’ का ई-बुक और किताब के रूप में विमोचन किया जाएगा।

HarperCollins will publish Modi's letters to Jagat Janani as an English book next month | ‘जगत जननी’ को लिखे मोदी के पत्रों को अगले महीने अंग्रेजी किताब के रूप में प्रकाशित करेगा हार्परकॉलिन्स

ये पत्र 1986 में लिखी मोदी की डायरी से लिए गए हैं। (photo-social media)

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा युवावस्था में विभिन्न विषयों पर हर रात ‘जगत जननी’ को लिखे कई पत्रों को अगले महीने अंग्रेजी में एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। प्रख्यात फिल्म आलोचक भावना सोमाया द्वारा गुजराती भाषा से अनुवादित ‘‘लेटर्स टू मदर’’ का ई-बुक और किताब के रूप में विमोचन किया जाएगा।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा युवावस्था में विभिन्न विषयों पर हर रात ‘जगत जननी’ को लिखे कई पत्रों को अगले महीने अंग्रेजी में एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। हार्परकॉलिन्स इंडिया ने कहा कि प्रख्यात फिल्म आलोचक भावना सोमाया द्वारा गुजराती भाषा से अनुवादित ‘‘लेटर्स टू मदर’’ का ई-बुक और किताब के रूप में विमोचन किया जाएगा। ये पत्र 1986 में लिखी मोदी की डायरी से लिए गए हैं।

हार्परकॉलिन्स इंडिया ने मोदी के हवाले से एक बयान में कहा, ‘‘यह साहित्यिक लेखन की कोशिश नहीं है, इस किताब में शामिल अंश मेरे नजरिए और कभी-कभी बिना कांट छांट किए गए विचारों का प्रतिबिंब हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं लेखक नहीं हूं, हमारे में से ज्यादातर लोग लेखक नहीं है लेकिन हर कोई विचार अभिव्यक्त करता है और जब सब कुछ उड़ेलने की इच्छा तीव्र होती है तो कलम और कागज उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता, लिखना जरूरी नहीं है बल्कि आत्मावलोकन और यह बताना जरूरी है कि दिल और दिमाग में क्या चल रहा है और क्यों।

’’ युवावस्था में मोदी सोने से पहले हर रात ‘जगत जननी’ को एक पत्र लिखते थे। पत्र के विषय अलग-अलग होते थे। कभी वे दुख और खुशी के बारे में होते थे तो कभी यादों के बारे में । बयान में कहा गया है, ‘‘मोदी के लेखन में एक नौजवान का उत्साह और बदलाव लाने का जुनून है। लेकिन हर कुछ महीने बाद वह पन्नों को फाड़ देते और उन्हें जला देते थे। हालांकि 1986 में लिखी एक डायरी के पन्ने बच गए। अब ये पहली बार अंग्रेजी में उपलब्ध हैं।’’ सोमाया के अनुसार मोदी के लेखन में भावनात्मकता का पुट है। वह कहती हैं, ‘‘इसमें एक आवेग है, धीरे धीरे बढ़ती बेचैनी है जिसे उन्होंने छुपाया नहीं है और यही उनका आकर्षण है।’’

Web Title: HarperCollins will publish Modi's letters to Jagat Janani as an English book next month

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