स्कूलों को खोलने की गाइडलाइन तैयार, राज्यों को गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार

By एसके गुप्ता | Published: August 7, 2020 08:08 PM2020-08-07T20:08:50+5:302020-08-07T20:08:50+5:30

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए स्कूलों में पढ़ाई कैसे शुरू की जाए, इस पर एनसीईआरटी से गाइडलाइन तैयार करने को कहा था। यह गाइडलाइन तैयार कर मंत्रालय को सौंपी जा चुकी हैं। इन पर अमल गृहमंत्रालय के विचाराधीन है।

Guidelines for opening of schools ready states await orders of Home Ministry | स्कूलों को खोलने की गाइडलाइन तैयार, राज्यों को गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार

छठे चरण में पांच सप्ताह बाद अभिभावकों की मंजूरी के साथ नर्सरी व केजी की कक्षाएं शुरू होंगी। (file photo)

Highlightsशिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों के साथ हुई बैठक में 15 राज्यों ने स्कूल खोलने पर सहमति प्रकट की है। स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी। स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगेंगी।कमरे रोजाना सैनिटाइज हों, ये स्कूल प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होगा।

नई दिल्लीः बंद स्कूलों को खोलने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने गाइडलाइन तैयार की हैं। एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति ने लोकमत को विशेष बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार बच्चों की पढ़ाई ओर उनके मानसिक विकास को लेकर बहुत चिंतित है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए स्कूलों में पढ़ाई कैसे शुरू की जाए, इस पर एनसीईआरटी से गाइडलाइन तैयार करने को कहा था। यह गाइडलाइन तैयार कर मंत्रालय को सौंपी जा चुकी हैं। इन पर अमल गृहमंत्रालय के विचाराधीन है।

शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों के साथ हुई बैठक में 15 राज्यों ने स्कूल खोलने पर सहमति प्रकट की है। असम सरकार ने एक सितंबर से स्कूल खोलने की बात कही है। इससे पहले असम में सभी शिक्षक और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट होगा। सरकार ने स्कूल खोलने पर छात्र और अभिभावकों से 20 अगस्त तक सुझाव भी मांगे हैं।

एनसीईआरटी गाइडलाइन के मुख्य बिंदु :

स्कूल खुलने के नियम :

- हर बच्चे के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा, स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल न रखने पर बच्चे के पेरेंट्स को सूचित किया जाएगा।

- कक्षा में छात्रों के बीच 6 फीट की दूरी होगी जरूरी, एक कमरे में 15 से 25 बच्चे ही होंगे

- बच्चे सीट न बदलें, इसके लिए डेस्क पर नाम लिखा होगा। रोज वहीं बैठना होगा।

- बच्चे ऑड-ईवन के आधार पर बुलाए जाएंगे, होम असाइनमेंट प्रतिदिन देना होगा।

-कक्षा के दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी, एसी नहीं चलेंगे

- स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी। स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगेंगी।

 - छात्रों के बीच कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर नहीं होगा, बच्चों को अपना पानी साथ लाना होगा।
- कमरे रोजाना सैनिटाइज हों, ये स्कूल प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होगा।

छह चरणों में शुरू होगी पढ़ाई

1. पहले चरण में 11वीं -12वीं की कक्षाएं शुरू होंगी।  

2. इसके एक हफ्ते बाद नौवीं और दसवीं की पढ़ाई शुरू होगी।
3. तीसरे चरण में दो हफ्ते बाद छठी से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं लगेंगी।

4. इसके तीन हफ्ते बाद तीसरी से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई होगी।
5. पांचवे चरण में पहली और दूसरी कक्षा शुरू होगी।
6. छठे चरण में पांच सप्ताह बाद अभिभावकों की मंजूरी के साथ नर्सरी व केजी की कक्षाएं शुरू होंगी। हालांकि कंटेनमेंट जोन के स्कूल ग्रीन जोन बनने तक बंद ही रहेंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा के जरिये कार्यरूप लेगा : सीबीएसई

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के निदेशक ने शुक्रवार को कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा के जरिये कार्यरूप लेगा। नयी नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधार का प्रस्ताव किया गया है।

सीबीएसई के निदेशक विश्वजीत साहा ने पीएचडी चैम्बर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘नीति में विभिन्न सिद्धांतों एवं बहु विषय पहल के समागम की स्वतंत्रता प्रदान की गई है । राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा नीति में सुझाये सुधारों को लागू करने का खाका प्रदान करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नीति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा के जरिये कार्यरूप लेगा जिसके लिये अधिक से अधिक सहभागिता वाले कदमों की जरूरत है। ’’

साहा ने कहा कि प्रतिस्पर्धी शिक्षा और शिक्षण परिणाम के लिये जरूरी प्रशिक्षण सभी पक्षकारों की प्रगतिशील सहभागिता से हासिल की जा सकती है। सीबीएसई के निदेशक ने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धी शिक्षा और शिक्षण परिणाम के लिये जरूरी प्रशिक्षण के बारे में चर्चा हो सकती है लेकिन एक बार हमने निर्णय कर लिया तब हम इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह सभी पक्षकारों की प्रगतिशील सहभागिता से हासिल की जा सकती है। यह अग्रगामी नीति है।’’

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में नयी शिक्षा नीति को मंजूरी दी जिसने 1986 में लागू 34 वर्ष पुरानी शिक्षा नीति का स्थान लिया है। इसके माध्यम से स्कूली शिक्षा से उच्च शिक्षा तक रूपांतरकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त हुआ है ताकि भारत को ज्ञान आधारित महाशक्ति बनाया जा सके। इसमें स्कूली शिक्षा में सुधार, पांचवी कक्षा तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा, 3 या 4 वर्ष का स्नातक कोर्स चुनने का विकल्प, डिग्री कोर्स में बहु स्तरीय प्रवेश या निकासी की व्यवस्था, उच्च शिक्षा में एकल नियामक, फीस तय किये जाने सहित अनेकों सुधारों की बात कही गई है।

Web Title: Guidelines for opening of schools ready states await orders of Home Ministry

पाठशाला से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे