वित्त मंत्रालय ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो सरकार में ग्रुप बी (अराजपत्रित), ग्रुप सी (गैर तकनीकि) और लिपिक पदों समेत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विभिन्न समकक्ष पदों पर भर्ती प्रक्रिया को कारगर बनाएगा।
सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा यानी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) होता है। अब सीईटी आयोजित कराने के लिए एक नई राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानी नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) बनाई जाएगी। सीईटी में सालाना लगभग ढाई करोड़ उम्मीदवार बैठते हैं।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि व्यय विभाग ने हाल नें प्रस्ताव को मंजूरी दी है और अब इस पर मंथन किए जाने के केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रस्ताव के जाने की संभावना है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित एनआरए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी प्रीलिमिनेरी (प्रारंभिक) परीक्षाएं आयोजित कराएगी।
प्रस्ताव के अनुसार, एनआरए प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवारों की सूचि संबंधित भर्ती एजेंसी को मुहैया कराएगी ताकि वे मुख्य परीक्षा (मेन्स एग्जामिनेशन) में भाग ले सकें।
कहा जा रहा है कि एसएससी और आईबीपीएस को भंग नहीं किया जाएगा और हमेशा की तरह वे मुख्य परीक्षाओं का आयोजन करेंगी।
एक आकलन के मुताबिक, ढाई करोड़ से ज्यादा उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए बैठते हैं, उनमें से ज्यादातर प्रारंभिक परीक्षाएं एसएससी द्वारा आयोजित कराई जाती हैं।
जानकारी मिल रही है कि एनआरए सीईटी के अलावा कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा भी कराएगी। इस परीक्षा द्वारा सरकारी विभागों में सहायक अनुभाग अधिकारी के रूप में नौकरी लगती है। इसके अलावा भी जो अन्य परीक्षाए एनआरए द्वारा कराई जाने के लिए प्रस्तावित हैं, उनमें सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, आयकर विभाग और रेलवे मंत्रालय आदि अन्य विभागों के लिए आयोजित होने वाले परीक्षाएं शामिल हैं।