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कोविड-19ः सुबह में नहीं पढ़ेंगे 5वीं तक के बच्चे, ऑनलाइन क्लास दोपहर में, जानिए पूरा मामला

By एसके गुप्ता | Published: July 27, 2020 5:47 PM

विस्तृत सूचना स्कूलों की ओर से अभिभावकों को जारी की गई है। हालांकि अन्य कक्षाओं के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभिभावकों की ओर से आ रही अपील को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया गया है।

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ठळक मुद्देरमेश पोखरियाल निशंक के ट्वीटर पर और सोशल मीडिया एकांउट पर लगातार ऐसे सुझाव आ रहे थे कि कक्षा पांचवीं तक के छात्रों की कक्षाएं दोपहर में हों।सबसे बड़ी वजह यह थी कि गृहणियां सुबह के समय काम में व्यस्त रहती हैं और मोबाइल पर हो रही ऑनलाइन क्लासेज में भाग नहीं ले पाती। एक महीने पहले एनसीईआरटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन पढ़ाई की गाइडलाइन सौंपी थीं।

नई दिल्लीः घरों में बंद छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई के समय में बदलाव किया गया है। केंद्रीय विद्यालयों में जो कक्षाएं सुबह 9 बजे से शुरू हो रही थी, वह कक्षाएं अब दोपहर में 3 बजे से शुरू होकर शाम 5.40 बजे तक लग रही हैं।

इसे लेकर विस्तृत सूचना स्कूलों की ओर से अभिभावकों को जारी की गई है। हालांकि अन्य कक्षाओं के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभिभावकों की ओर से आ रही अपील को ध्यान में रखकर यह निर्णय किया गया है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के ट्वीटर पर और सोशल मीडिया एकांउट पर लगातार ऐसे सुझाव आ रहे थे कि कक्षा पांचवीं तक के छात्रों की कक्षाएं दोपहर में हों। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि गृहणियां सुबह के समय काम में व्यस्त रहती हैं और मोबाइल पर हो रही ऑनलाइन क्लासेज में भाग नहीं ले पाती।

एनसीईआरटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन पढ़ाई की गाइडलाइन सौंपी थीं

जिससे बच्चों को होमवर्क कराने में भी परेशानी आती है। एक महीने पहले एनसीईआरटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन पढ़ाई की गाइडलाइन सौंपी थीं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक डा. ऋषिकेश सेनापति ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि 14 साल तक बच्चों को मोबाइल देने की मनाही है।

इस उम्र के छात्रों को मोबाइल की लत से बचाने के लिए केंद्र सरकार को यह सुझाव दिए गए थे कि बच्चों को मोबाइल के इस्तेमाल से दूर रखा जाए। अगर ऑनलाइन पढ़ाई हो भी रही है तो उसमें अभिभावक बच्चे को मोबाइल पर दी जा रही टीचिंग में हिस्सेदार बनें और उन्हें पढ़ाएं। इसके अलावा टीवी पर प्रसारित कक्षावार प्रोग्राम के जरिए भी छात्रों को पढ़ाया जा सकता है।

केंद्रीय विद्यालय के एक प्रिंसिपल ने नाम न प्रकाशित करने के आग्रह पर कहा कि अभिभावकों की ओर से लगातार वाट्सअप ग्रुप में यह संदेश भेजे जा रहे थे कि अगर कक्षाएं दोपहर में होंगी तो बच्चों के लिए ज्यादा अच्छा होगा।

क्योंकि मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर बच्चे मोबाइल की लत के शिकार हो रहे हैं और वह मोबाइल पर कार्टून देखते हैं। दोपहर के समय क्लासेज होने से गृहणियां छोटे बच्चों के साथ बैठकर समझेंगी तो उन्हें बच्चे को समझाने में आसानी भी होगी।

टॅग्स :मानव संसाधन विकास मंत्रालयरमेश पोखरियाल निशंकसीबीएसई
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