नकल पर रोक के लिए बिहार बोर्ड का फरमान- जूते-मोजे नहीं बल्कि चप्पल पहनकर परीक्षा दें छात्र
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 19, 2018 04:28 PM2018-02-19T16:28:24+5:302018-02-19T17:43:39+5:30
बीएसईबी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षा भवन में उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश करने दिया जाएगा जो चप्पल पहनकर आएंगे।
पटना, 19 फरवरी: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा आयोजित वार्षिक माध्यमिक परीक्षा में 21 फरवरी से शुरू हो रही है। परीक्षा में नकल न हो इससे बचने के लिए शिक्षा विभाग ने एक फैसला सुनाया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक निर्देश जारी किया है जिसके मुताबिक इस साल परीक्षार्थी जूता-मोजा (जुराब) पहनकर नहीं आ सकेंगे। बीएसईबी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षा भवन में उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश करने दिया जाएगा जो चप्पल पहनकर आएंगे।
आईएएनएस के मुताबिक बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने सोमवार को बताया, "इस साल परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। परीक्षार्थियों को चप्पल पहनकर ही आना होगा। इसके लिए संबंधित जिले के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।" उन्होंने ने कहा, "अगर कोई परीक्षार्थी जूता-मोजा पहनकर आएगा तो उससे परीक्षाहॉल के बाहर ही जूता-मोजा उतरवा लिया जाएगा। परीक्षा हॉल में परीक्षार्थी को सिर्फ एडमिट कॉर्ड और पेन व पेंसिल ही ले जाने की अनुमति होगी। प्रवेश द्वार पर ही सभी परीक्षार्थियों की गहन जांच की जाएगी।"
किशोर ने कहा कि इससे पूर्व भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ऐसा निर्देश दिया जाता रहा है। इसे यहां मैट्रिक परीक्षा में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस साल 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित होने वाली मैट्रिक की परीक्षा में 17.68 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। इन परीक्षार्थियों के लिए 1,426 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। बीएसईबी का दावा है कि परीक्षा को कदाचारमुक्त संपन्न कराने के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है।