'सबकुछ सिर्फ बेटे के लिए, मेरा 7 साल में 7 बार गर्भपात कराया गया'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 16, 2019 17:07 IST2019-07-16T17:07:02+5:302019-07-16T17:07:02+5:30

गर्भपात को लेकर सामने आई कई रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भपात के बाद महिलाएं मानिसक बीमारी की शिकार हो जाती हैं। वहीं, महिलाएं गर्भपात के बाद अपने आप में अकेला महसूस करती हैं।

women in mental trauma due to 7 abortions in 7 years for son in hyderabad | 'सबकुछ सिर्फ बेटे के लिए, मेरा 7 साल में 7 बार गर्भपात कराया गया'

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsरतीय दंड संहिता में धारा 312 से 318  में गर्भपात के अपराध के बारे में बताया गया है।  डॉक्टरों का कहना है कि जब कोई भी महिला प्रग्नेंट होती है तो उसके हार्मोन गर्भ में पल रहे है बच्चे के साथ भावुक रिश्ता बनाने में मदद करते हैं। 

हैदराबाद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक 31 वर्षीय महिला का बेटे की चाह में पिछले सात सालों में सात बार गर्भपात कराया जा चुका है। महिला की शादी को दस साल हो चुके हैं। महिला शादी के बाद सात बार प्रग्नेंट हुई लेकिन हर बार उसके ससुराल वाले जबरदस्ती लिंग परीक्षण के लिए ले गए और बेटी पता चलने पर उसका गर्भपात करवाया। 

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, महिला सुमति फिर से आठवीं बार गर्भवती हुई है। लेकिन इस बार उसका गर्भ बच गया है।  ससुराल वालों को जैसे ही महिला के प्रग्नेंसी के बारे में पता चला वो उसको  जबरदस्ती लिंग परीक्षण के लिए फिर से डॉक्टर के पास ले गये। लेकिन इस बार महिला के गर्भ में लड़का था और उसका गर्भपात होने से बच गया। लेकिन महिला की हालत खराब हो गई। 

महिला मानसिक तौर पर हुई बीमार 

महिला सात बार गर्भपात की वजह से डिप्रेशन में चली गई और मानसिक तौर पर बीमार हो गई है। उसकी हालत इतनी खराब हो गई है कि ससुराल वालों को मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना पड़ा। 

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए मनोवैज्ञानिक वासुप्रदा कार्तिक ने बताया कि महिला की हिम्मत अंदर से एकदम पूरी तरह खत्म हो गई है। किसी भी महिला के लिए सात बार गर्भपात झेलना आम बात नहीं है।  डॉक्टरों का कहना है कि महिला को उबरने का समय ही नहीं मिला। एक गर्भपात से वह उबर नहीं पाती और दूसरा गर्भपात करा दिया जाता था। मनोवैज्ञानिक वासुप्रदा कार्तिक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं। 

मुझे सपने आते हैं कि मुझे गर्भपात के लिए ले जाया जा रहा है: पीड़ित महिला

वासुप्रदा कार्तिक से बात करते हुये महिला ने बताय है, उसे रात में आये दिन सपने आते हैं कि उसको गर्भपात के लिए ले जाया जा रहा है। महिला ने यह भी बताया है कि अच्छा ही हुआ है कि उसके बच्चों को गर्भ में मार दिया गया, क्योंकि अगर वह बेटी को जन्म देती तो शायद उसे भी इसी दर्द को झेलना पड़ता। 

गर्भपात को लेकर सामने आई कई रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भपात के बाद महिलाएं मानिसक बीमारी की शिकार हो जाती हैं। वहीं, महिलाएं गर्भपात के बाद अपने आप में अकेला महसूस करती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जब कोई भी महिला प्रग्नेंट होती है तो उसके हार्मोन गर्भ में पल रहे है बच्चे के साथ भावुक रिश्ता बनाने में मदद करते हैं। 

भारत में जबरदस्ती महिला का गर्भपात कराना कानूनी जुर्म है 

भारतीय दंड संहिता की धारा 312 के तहत‘जो कोई भी जानबूझकर किसी महिला का गर्भपात करता है जब तक कि कोई इसे सदिच्छा से नहीं करता है और गर्भावस्था का जारी रहना महिला के जीवन के लिए खतरनाक न हो, उसे सात साल की कैद की सजा दी जाएगी। 

इसके अलावा धारा 313 के तहत महिला की सहमति के बिना गर्भपात और गर्भपात की कोशिश के कारण महिला की मृत्यु  भी एक दंडनीय अपराध है। हालांकि धारा  315 के तहत मां की जान बचाने के लिए गर्भपात कराया जा सकता है। भारतीय दंड संहिता में धारा 312 से 318  में गर्भपात के अपराध के बारे में बताया गया है। 

Web Title: women in mental trauma due to 7 abortions in 7 years for son in hyderabad

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे