सड़क परियोजना घोटाले का किया खुलासा, फिर सेप्टिक टैंक में मिली लाश; जानें कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर?
By अंजली चौहान | Updated: January 4, 2025 12:09 IST2025-01-04T12:06:28+5:302025-01-04T12:09:29+5:30
Who Was Mukesh Chandrakar: गौरतलब है कि सीएम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा

सड़क परियोजना घोटाले का किया खुलासा, फिर सेप्टिक टैंक में मिली लाश; जानें कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर?
Who Was Mukesh Chandrakar: छत्तीसगढ़ का एक 28 वर्षीय स्वतंत्र पत्रकार के कत्ल से इस समय न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश में पत्रकारों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े किए है। नए साल 1 जनवरी के दिन लापता हुए मुकेश चंद्रकार की लाश 3 जनवरी को बीजापुर में एक ठेकेदार की जमीन पर एक सेप्टिक टैंक में पाए गए। जिसके बाद हत्या का खुलासा हुआ और कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए पकड़ा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स ने बीजापुर पुलिस का हवाला देते हुए कहा कि मुकेश की लाश एक सेप्टिक टैंक में मिली थी जिसे हाल ही में कंक्रीट से सील कर दिया गया था। मुकेश 1 जनवरी को एक स्थानीय ठेकेदार के चचेरे भाई का फोन आने के बाद वह लापता हो गया था। मुकेश ने रायपुर में एक अन्य पत्रकार को फोन के बारे में बताया था और कहा था कि ठेकेदार का भाई उससे मिलना चाहता है। पुलिस ने कहा कि नए साल के दिन रात करीब 12.30 बजे उसका फोन बंद हो गया था, जिसके बाद वह लापता हो गया। मुकेश के भाई युकेश, जो खुद भी पत्रकार हैं, ने अपने भाई के वापस न आने पर 2 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
देखिए आदिवासियों की बेबसी के साथ "सिस्टम और नक्सल संगठन की शवयात्रा"!
— Mukesh Chandrakar (@MukeshChandrak9) July 30, 2024
रिपोर्ट का लिंक कमेंट बॉक्स में छोड़ता जा रहा हूं. देखकर समझिए बस्तर में निर्मित हो चुके हालातों को. महसूस कीजिएगा इनके अंतहीन दर्द को. https://t.co/dPntV7oiHl
युकेश की शिकायत में हाल ही में मुकेश द्वारा कवर किए गए एक लेख का उल्लेख किया गया था, जिसमें गंगालूर से नेलासनार गांव तक सड़क निर्माण में कथित अनियमितताओं पर जोर दिया गया था। रिपोर्ट में परियोजना की जांच शुरू की गई, और युकेश ने तीन लोगों से धमकियों का उल्लेख किया, जिनमें से एक ठेकेदार सुरेश चंद्राकर थे।
आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि शिकायत के बाद लापता पत्रकार का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई। उनकी आखिरी मोबाइल लोकेशन चट्टनपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर पर मिली। वहां पुलिस को एक सेप्टिक टैंक मिला, जिसे हाल ही में ताजा कंक्रीट से सील किया गया था।
23 मई 2024 को अबूझमाड़ में हुए एनकाउंटर में 8 माओवादियों को मार गिराने का दावा किया. दावों की जमीनी पड़ताल करने हम इतुल गांव पहुंचे. यहां हमें ग्रामीणों ने बताया की इस एनकाउंटर में पुलिस की गोली लगने से एक निर्दोष ग्रामीण की भी मौत हुई है. पूरी रिपोर्ट👉 https://t.co/zWfITBQ8sppic.twitter.com/vb9DU8Xq1I
— Bastar Junction (@BastarJunction) May 28, 2024
पुलिस ने टैंक को तोड़ा और मुकेश का शव बरामद किया। उसके सिर और पीठ पर चोट के कई निशान थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, ''बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या की खबर बेहद दुखद और हृदय विदारक है। मुकेश जी का निधन पत्रकारिता और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।” उन्होंने कहा, “दोषी को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. मैंने अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।”
कौन थे मुकेश चंद्राकर?
28 वर्षीय मुकेश चंद्राकर एक टेलीविजन पत्रकार थे। मुकेश ने NDTV के लिए बस्तर क्षेत्र से ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी। वह एक YouTube चैनल भी संचालित करता था।
मुकेश चंद्राकर ने 2021 में बीजापुर में झड़प के बाद माओवादियों द्वारा बंदी बनाए गए सीआरपीएफ सदस्यों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राज्य पुलिस ने सीआरपीएफ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास के बचाव में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया था। मुकेश ने नक्सली हमलों, टकरावों और बस्तर को प्रभावित करने वाली विभिन्न चिंताओं को पूरी तरह से कवर किया।
माओवादियों के आधार इलाके में सुरक्षाबल के जवानों का कैंप क्यों खोल रही है सरकार?@MukeshChandrak9pic.twitter.com/obkd00nRhf
— Bastar Junction (@BastarJunction) February 22, 2024
दस साल के पत्रकारिता अनुभव के साथ, मुकेश ने एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार नेटवर्क के लिए स्ट्रिंगर के रूप में काम किया और एक प्रसिद्ध यूट्यूब चैनल, बस्तर जंक्शन का प्रबंधन किया, जिसके 159,000 से अधिक ग्राहक हैं। उनके चैनल ने राज्य और माओवादियों के बीच संघर्ष के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाले वीडियो दिखाए, साथ ही आदिवासी समुदाय के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को भी संबोधित किया। मुकेश ने राज्य की राजधानी रायपुर और देश भर के साथी पत्रकारों को उनके रिपोर्टिंग प्रयासों में समर्थन देने के लिए अपने विशाल संबंधों का लाभ उठाया।
बस्तर में पत्रकारों ने उनकी हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि यह क्षेत्र में पत्रकारों के रोजमर्रा के संघर्षों को उजागर करता है।