लोकसभा चुनाव-2019 के शुरुआत से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा और राजनीति गरमाई हुई है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के समर्थकों के बीच आये दिए झड़प देखने को मिल रही है। ताजा उदारहण मुर्शिदाबाद जिले की है। जहां तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। ये घटना शुक्रवार (14 जून) की है। मारे गए कार्यकर्ताओं में से दो की पहचान हो चुकी है। एक है सोहेल राणा, जिसकी उम्र 19 साल है। दूसरा खैरुद्दीन शेख, जिसकी उम्र 55 साल है। कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव है।
खबर के मुताबिक मुर्शिदाबाद में कुछ अज्ञात लोगों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा के घर के अंदर बम फेंक दिया, जिससे उनकी मौत हो गई है। खैरुद्दीन के बेटे मिलान शेख ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है, हम उस वक्त घर में सो रहे थे, तभी अचानक हमारे घर पर बम फेंक दिया गया। उन्होंने मेरे पिता को मार दिया। कुछ दिन पहले ही मेरे चाचा की हत्या की गई थी। इसके पीछे कांग्रेस है।'
वहीं, दो मृतकों के परिवाल वालों ने बीजेपी पर हत्या का आरोप लगाया है। एक मृतक के रिश्तेदार ने कहा, 'ये लोग हत्या के एक अन्य मामले में भी दोषी हैं। वे मेरे पीछे पड़े थे क्योंकि मैं उस मामले में गवाह हूं। कल, वे यहां आए और मुझे घर पर नहीं पाकर मेरे चाचा तथा तथा भतीजे की हत्या कर दी।'
मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि हत्या के पीछे जिसकी साजिश है उसको पकड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है। हालांकि इस मामले में अबतक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है।
8 जून को हुई थी तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या
शनिवार शाम (8 जून) को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में झंडा खोलने को लेकर तृणमूल और बीजेपी समर्थकों में संघर्ष हुआ। जिसमें तीन बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए। उत्तर 24 परगना जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दावा किया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता कयूम मोल्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पश्चिम बंगाल की पुलिस की ओर से फिलहाल कोई मरने वालों की संख्या के बारे में अभी नहीं बताया गया है। इस घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुई हैं। घायलों को इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।