क्या मेडिकल छात्रा पायल तडवी की हुई थी हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
By पल्लवी कुमारी | Published: May 30, 2019 01:17 PM2019-05-30T13:17:04+5:302019-05-30T13:17:04+5:30
बीवाईएल नायर अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट सेकंड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर पायल तडवी ने अपने सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की। 22 मई को अपने होस्टल के कमरे में थित तौर पर फांसी लगाकर पायल ताडवी ने आत्महत्या की थी।
मुंबई के बीवाईएल ( BYL)नायर अस्पताल में मेडिकल छात्रा पायल तडवी का पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आया है। पायल तडवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी गर्दन पर चोट के निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'मौत का अनंतिम कारण' के तहत उसकी गर्दन पर निशान बताए गए हैं। आत्महत्या के मामले में तीनों आरोपी डॉक्टर को पुलिस रिमांड पर 31 मई तक के लिए भेजा गया है। 26 वर्षीय पायल तडवी के 22 मई को आत्महत्या करने के बाद मामला दर्ज किया गया था।
पायल तडवी के परिवार की ओर से पेश हुए वकील नितिन सतपुते ने आरोप लगाया कि चोट के निशान से पता चलता है कि पायल तडवी की हत्या की गई थी। वकील का पक्ष है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
नितिन सतपुते का कहना है, " पायल की मृत्यु की परिस्थितियों और उसके शरीर पर चोट के निशान को देखते हुए हम कह सकते हैं कि यह हत्या का मामला होना चाहिए न कि आत्महत्या का। पुलिस को इस मामले की जांच एक हत्या की जांच की तर्ज पर करनी चाहिए। पुलिस को 14 दिन का समय दिया जाना चाहिए। उसके लिए।"
नितिन ने कहा, "हत्या के बाद आरोपियों ने पायल की शव को किसी अन्य स्थान पर ले गया था और बाद में उसे अस्पताल लाया गया ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का संदेह ना हो।
आरोपियों के वकील आबाद पोंडा ने अपनी दलील में कही है कि तीनों गिरफ्तार डॉक्टरों को तडवी की जाति के बारे में पता भी नहीं था। उन्होंने कहा, 'आत्महत्या के लिए तब उकसाया जाता है जब कोई जानबूझ कर व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना चाहता है लेकिन आरोपियों ने (इस मामले में) केवल उनके काम के लिए उन्हें डांटा था और उनको नुकसान पहुंचने की कोई मंशा नहीं थी।'
तीनों आरोपी महिला डॉक्टर भक्ति मेहर, डॉक्टर हेमा आहूजा अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया था। ये तीनों महिला डॉक्टर आरोपी पायल की आत्महत्या के दिन 22 मई से ही लापता थीं। पुलिस के मुताबिक दो आरोपी डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहूजा ने सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दी थी लेकिन वो खारिज हो गई है।
मामले में महिला आयोग ने स्वत संज्ञान लेते हुए अस्पताल को नोटिस भेजा था। महिला आयोग ने BYLनायर हॉस्पिटल को जांच के आदेश दिए थे। महिला आयोग ने आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग की थी। इससे पहले महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी अस्पताल के डीन को नोटिस भेजा था।
बीवाईएल नायर अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट सेकंड ईयर की रेजिडेंट डॉक्टर पायल तडवी ने अपने सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की। 22 मई को अपने होस्टल के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगाकर पायल ताडवी ने आत्महत्या की थी। उसके निधन के बाद डॉ. पायल की मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसे तीन महिला वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा कथित तौर पर उसकी जाति और आदिवासी पृष्ठभूमि को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।