भ्रष्टाचार मामले में फैसला: डिप्टी कलेक्टर सहित पत्नी, पुत्रियों, दामाद और समधन की संपत्ति अधिहरण के आदेश

By नईम क़ुरैशी | Published: December 30, 2023 09:57 PM2023-12-30T21:57:53+5:302023-12-30T21:59:55+5:30

न्यायालय ने अपने सौ पृष्ठीय निर्णय में डिप्टी कलेक्टर हुकुम सोनी की अनुपात हीन संपत्ति 355.96 लाख पाते हुए निर्णय सुनाया। न्यायाधीश श्री गंगाचरण दुबे ने कहा कि मछली जल में तैरते हुए कब जल पी लेती है, इसका पता करना संभव नहीं, उसी प्रकार शासकीय सेवक के भ्रष्टाचार को पकड़ना मुश्किल है!

Verdict in corruption case: Order to confiscate property of Deputy Collector including wife, daughters, son-in-law and Samdhan | भ्रष्टाचार मामले में फैसला: डिप्टी कलेक्टर सहित पत्नी, पुत्रियों, दामाद और समधन की संपत्ति अधिहरण के आदेश

भ्रष्टाचार मामले में फैसला: डिप्टी कलेक्टर सहित पत्नी, पुत्रियों, दामाद और समधन की संपत्ति अधिहरण के आदेश

Highlightsकोर्ट के आदेश के बाद दोषियों की 1 करोड़ 28 लाख की चल-अचल होगी राजसात न्यायाधीश की टिप्पणी, मछली जल में तैरते हुए कब जल पी लेती है ज्ञात करना संभव नहीं

शाजापुर: विशेष न्यायालय इंदौर के न्यायाधीश श्री गंगाचरण दुबे ने मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत एक सत्र प्रकरण में आदेश पारित करते हुए शाजापुर के तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी पिता केसरीमल सोनी निवासी 674 वैशाली नगर मंगल कालोनी उज्जै‍न पत्नी श्रीमती सुषमा एवं पुत्रियॉ अंजली, सोनालिका, प्रीती, सरिता, प्रमिल एवं रेखा वर्मा पति भरत कुमार वर्मा सोनालिका की सास और दामाद अजय वर्मा की चल-अचल संपत्तियां एवं बीमा पॉलिसियो से राशि वसूली कर राजसात करने के लिए कलेक्टर उज्जैन को आदेशित किया है।

न्यायालय ने अपने सौ पृष्ठीय निर्णय में डिप्टी कलेक्टर हुकुम सोनी की अनुपात हीन संपत्ति 355.96 लाख पाते हुए निर्णय सुनाया। न्यायाधीश श्री गंगाचरण दुबे ने कहा कि मछली जल में तैरते हुए कब जल पी लेती है, इसका पता करना संभव नहीं, उसी प्रकार शासकीय सेवक के भ्रष्टाचार को पकड़ना मुश्किल है! शासकीय सेवक का भ्रष्टाचार समाज व प्रशासन को प्रभावित करता है और भ्रष्ट आचरण प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर्यंत और मृत्योपरान्त भी उसके कृत्यों से परिलक्षित होता है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामलों में दंड का उद्देश भर्त्सना और निवारक होता है। 

ऐसे अपराधों के अधीन अपराधों के कतिपय वर्ग के त्वरित विचारण और ऐसे मामलों में अंतरवलित सम्पत्तियों का अधिग्रहण करने के उद्देश्य से ही विशेष न्यायालय अधिनियमित किया गया है, जिसमें लोक सेवक के पास आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति का पाया जाना उसका अनुपात हीन होना तथा ततसंबंध में स्पष्ट विवरण न होने पर सामान्य धारणा को प्रतिस्थापित करता है।

कर्मचारी ने संनिष्टा में कमी करते हुए भ्रष्ट तरीक़ों से संपत्ति अर्जित की है और ऐसी संपत्तियों का अर्जन उनके संबंध में लेखा विवरण के संतुष्टीकारक न पाया जाना कदाचरण है और आपराधिक अवचार को गठित करता है। जिससे ऐसे निंदनीय कृत्य में भ्रष्टाचारियों के प्रति कोई उदारता न बरतते हुए संलिप्त संपत्ति का संपूर्ण अधिहरण ही न्यायोचित और विधि सम्मत होता है। 

उल्लेखनीय है इस मामले आरोपी डिप्टी कलेक्टर हुकुम सोनी और एक बेटी प्रमिला का निधन हो चुका है। डिप्टी कलेक्टर सहित उक्त सभी की संपत्ति चल अचल संपत्ति राजसात किये जाने के आदेश दिए गए हैं।

Web Title: Verdict in corruption case: Order to confiscate property of Deputy Collector including wife, daughters, son-in-law and Samdhan

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