उन्नाव की रेप पीड़िता के निधन के बाद उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील गुप्ता ने कहा, ''पोस्टमार्टम के दौरान शरीर पर जहर और दम घुटने का कोई संकेत नहीं मिला है। शव परीक्षण में पता चला कि पीड़िता की मौत बुरी तरह जलने से हुए जख्मों के कारण हुई। शव परीक्षण सुबह किया गया था।''
पीड़िता ने आरोपियों द्वारा उसे जिंदा जलाए जाने के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत से जंग लड़ते हुए दम तोड़ दिया। इस मामले को लेकर देशभर में गुस्सा देखा जा रहा है। पीड़िता की मौत शुक्रवार (6 दिसंबर) की रात करीब पौने बारह बजे हुई।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गुरुवार (5 दिसंबर) की सुबह रेप पीड़िता को जिंदा जला दिया गया था। वारदात में सामूहिक बलात्कार का मुख्य आरोपी शामिल था। मुख्य आरोपी समेत पांच लोगों ने महिला को आग के हवाले कर दिया था। पीड़िता कथित तौर पर करीब एक किलोमीटर तक झुलती हुई हालत में पुलिस थाने पहुंची थी।
वारदात की खबर मीडिया में आने के बाद विरोधी दलों ने शासन और प्रशासन को घेरना शुरू कर दिया था। हर तरफ से हो रही आलोचना के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए सरकार खर्च पर पीड़िता का इलाज कराने की घोषणा की थी और कहा था का दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाएगी।
फौरी तौर पर पीड़िता को उन्नाव से ले जाकर लखनऊ में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे हवाई एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। पीड़िता का शरीर 90-95 फीसदी तक झुलस चुका था और चिकित्सकों ने उसके बचने की उम्मीद न के बराबर जताई थी।
खबर यह भी है कि मौत से पहले पीड़िता ने अपने भाई से जीवित रहने की इच्छा जताई थी और कहा था कि वह उसके गुनहगारों को छोड़ना नहीं। यह वारदात ऐसे वक्त सामने आई थी जब पहले से ही हैदराबाद की महिला पशुचिकित्सक के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले पर देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर जनता की आवाज उठने लगी। इस मामले के लेकर लगातार आम आदमी से लेकर नेताओं तक की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।