उन्नाव गैंगरेप: हाई कोर्ट ने लिया स्वतःसंज्ञान, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते करेगा सीबीआई जाँच की माँग पर सुनवाई
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 11, 2018 01:59 PM2018-04-11T13:59:41+5:302018-04-11T13:59:41+5:30
उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई अतुल सिंह सेंगर और अन्य तीन लोगों के खिलाफ 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है। विधायक के भाई को पीड़िता के पिता के संग मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (11 अप्रैल) को उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआई जाँच कराने की याचिका स्वीकार कर ली। सर्वोच्च अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए अगले हफ्ते की तारीख दी है। दूसरी तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले का स्वतःसंज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से मामले की जाँच रिपोर्ट माँगी है। उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई अतुल सिंह सेंगर और अन्य तीन लोगों के खिलाफ 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है। मामला पिछले साल जून का है। लड़की का आरोप है कि उसकी शिकायत के बावजूद पुलिस ने एफआईआर में विधायक का नाम नहीं शामिल किया था। जब विधायक के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो लड़की ने सीएम आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। लड़की को तत्काल अस्पताल ले जाकर बचा लिया गया। हालाँकि उसके बाद दबंगों ने लड़की के पिता की बुरी तरह पिटाई की और उन्हीं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस ने पीड़िता के पिता को हिरासत में ले लिया, जहाँ उनकी मौत हो गयी। पीड़िता के पिता की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले में एसआईटी जाँच की अनुशंसा की जो आज शाम तक रिपोर्ट देगी। वहीं विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर को पीड़िता के पिता के संग मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पढ़िए उन्नाव गैंगरेप केस में जून 2017 से अब तक कब-कब क्या-क्या हुआ-
11 जून 2017: एक दिन शुभम नाम के लड़के साथ लड़की अचानक गायब हो गई और ने शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया
21 जून 2017: जिसके बाद जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली
22 जून 2017: मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक गैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।
22 जुलाई 2017: पीएम को पीड़िता ने चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया
30 अक्टूबर 2017: पीड़िता व उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालों पर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप
22 फरवरी 2018: उन्नाव जिला अदालत में पीड़िता ने अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।
3 अप्रैल 2018: कोर्ट से आते समय पीड़िता के परिवार पर हमला, विधायक के भाई ने की मारपीट। पुलिस ने आरोपियों की जगह पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में केस किया।
4 अप्रैल 2018: विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया।
4 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया।
9 अप्रैल 2018: 4 दिन बाद सुबह पीड़िता के पिता की मौत हो गई, पुलिस ने तब चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।जिसमें विधायक के भाई को भी गिरफ्तार किया गया।
10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
11 अप्रैल 2018: सीएम योगी के आदेश के बाद एसआई का गठन किया गया और 11 अप्रैल शाम तक रिपोर्ट पेश की जानी है।