उन्नाव मामला: विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पहुंचा हाईकोर्ट, उच्च न्यायालय ने सीबीआई से जवाब मांगा
By भाषा | Published: January 17, 2020 12:16 PM2020-01-17T12:16:24+5:302020-01-17T14:53:52+5:30
अदालत ने सेंगर को जुर्माने की 25 लाख रुपए की राशि 60 दिन में देने की अनुमति दी, जिनमें से 10 लाख रुपए बिना किसी शर्त के पीड़िता के लिए जारी किए जाएंगे। भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले में अपनी दोषसिद्धि और उम्रकैद को चुनौती देने के लिए बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2017 में हुए उन्नाव बलात्कार मामले में भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर सीबीआई से शुक्रवार को जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने सेंगर को जुर्माने की 25 लाख रुपए की राशि 60 दिन में देने की अनुमति दी जिनमें से 10 लाख रुपए बिना किसी शर्त के पीड़िता के लिए जारी किए जाएंगे। अदालत ने सेंगर की अपील पर पीड़िता का जवाब भी मांगा है।
सेंगर के वकील को निर्देश दिया गया है कि वह महिला के वकील को दस्तावेजों की प्रति दें। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उसका विचार सेंगर की सजा या जुर्माने की रकम निलंबित करने का नहीं है क्योंकि वह अन्य मामलों में भी अभियोजन का सामना कर रहा है। इसके बाद उसके वकील ने सजा निलंबित करने की मांग करने वाली याचिका वापस ले ली।
सेंगर के वकील ने कहा था कि वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य है और उसकी विवाहयोग्य दो बेटियां हैं। ऐसे में 25 लाख रुपये जुटाने में उसे दिक्कत आ रही है और निचली अदालत ने रकम जमा करने के लिए 20 जनवरी तक ही वक्त दिया है।
उसने अदालत से रकम जमा करने की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया। पीठ ने मामले की सुनवाई चार मई तक के लिए टाल दी। सेंगर ने 16 दिसंबर 2019 के निचली अदालत के दोषसिद्धी के फैसले को रद्द करने की मांग की थी। इसके अलावा उसने 20 दिसंबर को सुनाई गई जीवनपर्यंत उम्रकैद की सजा को रद्द करने की भी मांग की थी।