उज्जैन रेपकांड: "वो बदहवास थी, मैंने उसे अपने कपड़े दिए तन ढंकने के लिए", नाबालिग पीड़िता को बचाने वाले पुजारी ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 28, 2023 11:52 AM2023-09-28T11:52:33+5:302023-09-28T11:55:27+5:30

महाकाल की नगरी उज्जैन में हुए लोमहर्षक और विभत्स रेपकांड में 15 साल की पीड़िता को बचाने वाले पुजारी ने जिस तरह से पूरी घटना का विवरण दिया, उससे समूची इंसानियत शर्मसार हो गई है।

Ujjain rape case: "She was distraught, I gave her my clothes to cover her body", says priest who saved minor victim | उज्जैन रेपकांड: "वो बदहवास थी, मैंने उसे अपने कपड़े दिए तन ढंकने के लिए", नाबालिग पीड़िता को बचाने वाले पुजारी ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsमहाकाल की नगरी उज्जैन में हुए विभत्स रेपकांड से समूची इंसानियत हुई शर्मसार दरिंदगी की शिकार पीड़िता अपनी जान बचाने के लिए बदहवास उज्जैन की सड़कों पर भाग रही थीजिस पुजारी ने रेप पीड़िता की मदद की, उसने बताया पूरा वाकया

उज्जैन: महाकाल की नगरी में हुए लोमहर्षक और विभत्स रेपकांड में 15 साल की पीड़िता को बचाने वाले पुजारी ने जिस तरह से पूरी घटना का विवरण दिया, उससे समूची इंसानियत शर्मसार हो गई है। जी हां, बीते सोमवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन नगरी उस वक्त कांप उठी, जब निर्भया केस की तरह की गई दरिंदगी की शिकार पीड़िता अपनी जान बचाने के लिए बदहवास सड़कों पर भाग रही थी।

समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार सबसे पहले जिस पुजारी ने रेप पीड़िता की मदद की, उसने बताया है कि जब पहली बार उसकी आंखों ने उस मंजर को देखा तो उसे यकीन नहीं हुआ कि किसी के साथ इस तरह की हैवानियत भी की जा सकती है। उज्जैन शहर से करीब 15 किमी दूर बड़नगर रोड स्थित एक आश्रम से जुड़े पुजारी राहुल शर्मा ने बताया कि पीड़िता बेहद भयावह स्थिति में थी।

उन्होंने कहा, "सोमवार की सुबह में करीब 9.30 बजे मैं आश्रम के किसी काम के लिए बाहर जा रहा था, तभी मैंने गेट के पास पीड़िता को देखा, वो लहूलुहान और अर्धनग्न गेट के पास खड़ी थी। मैंने उसे फौरन अपने शरीर के कपड़े दे दिये ताकि वो अपने तन को ढंक सके। उसका खून बह रहा था। वह बोलने की स्थिति में नहीं थी।"

पुजारी शर्मा ने आगे कहा, "उसकी आंखें बुरी तरह से सूजी हुई थीं। मैंने फौरन 100 नंबर पर फोन किया। जब मैं हेल्पलाइन के जरिये पुलिस तक नहीं पहुंच सका तो मैंने महाकाल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और उन्हें सारी घटना के बारे में बताया। उसके लगभग 20 मिनट बाद पुलिस आश्रम पर पहुंची।''

उन्होंने कहा, "मैंने लड़की से बात करने की कोशिश की लेकिन मुझे उसकी बोली ठीक से समझ नहीं आ रही थी। मैंने उससे नाम और परिवार के बारे में पूछा। मैंने उससे कहा कि वो चिंता न करे, अब वह सुरक्षित है लेकिन वह बहुत डरी हुई थी।"

पुजारी ने कहा कि लड़की इतनी खौफजदा थी कि वह उन पर भरोसा नहीं कर पा रही थी और हम सभी पुलिस के आने का इंतजार कर रहे थे। उस दरम्यान जब भी कोई उसके पास आता तो वह मेरे पीछे छिपने की कोशिश करती। उसके बाद पुलिस पहुंची और उसे अपने साथ ले गई।

पुजारी शर्मा ने कहा कि पीड़िता पूछताछ में किसी जगह के बारे में बात कर रही थी लेकिन वे उस स्थान को नहीं समझ सके।

मालूम हो कि बीते सोमवार को उज्जैन की सड़कों पर रेप पीड़िता बदहवास जान बचाने के लिए भाग रही थी। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया कि पीड़िता अर्धनग्न हालत में मदद के लिए घर-घर गुहार लगा रही थी लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली।

उज्जैन पुलिस ने मामले सख्ती दिखाते हुए फौरन घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। अज्ञात आरोपी के खिलाफ पुलिस ने बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।

वहीं राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बीते बुधवार को इस शर्मसार कर देने वाली घटना पर बात करते हुए कहा था कि लड़की की हालत अब स्थिर है और अस्पताल में उसका इलाज हो रहा है।

Web Title: Ujjain rape case: "She was distraught, I gave her my clothes to cover her body", says priest who saved minor victim

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