पटना: बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर में तेलंगाना पुलिस और बिहार पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक देवर-भाभी की जोड़ी को गिरफ्तार किया है, जो तेलंगाना के हैदराबाद में 4000 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी हैं। गिरफ्तार महिला का नाम सुषमा राज और उसके जेठ रवीन्द्र सिंह है। दोनों लंबे समय से छुपे हुए थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद पकड़े गए। में दोनों आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकदी, सोने-हीरे के गहने और लग्जरी सामान बरामद हुए हैं।
बताया जाता है कि तेलंगाना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (सीआईडी-ईओडब्ल्यू) की एक विशेष टीम पटना पहुंची थी। उसने स्थानीय दानापुर थाना से मदद मांगी। दोनों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए त्रिभुवन मोड़ स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की। यहां से आरा निवासी सुषमा राज (पति संदीप कुमार) और रवीन्द्र प्रसाद सिंह (पिता स्व. कामता सिंह) को गिरफ्तार किया गया। दोनों कई महीनों से पहचान छिपाकर किराए के फ्लैट में छुपे हुए थे।
इस संबंध में पटना के एसएसपी आकाश कुमार ने बताया कि आरोपियों के पास से 8 लाख 30 हजार 910 रुपये नकद, 6 पासपोर्ट, 10 मोबाइल फोन, बैंक के क्रेडिट कार्ड, 3 पासबुक, 16 पहचान पत्र, 8 महंगी घड़ियां, और 11 पीस सोने व हीरे के जेवर बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह मामला तेलंगाना के हैदराबाद में एक कंपनी के जरिए निवेशकों के साथ 4000 करोड़ रुपये की ठगी से जुड़ा है।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में पहले ही हैदराबाद में केस दर्ज किया था और फरार आरोपियों की तलाश में जुटी थी। एसएसपी ने बताया कि तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर हैदराबाद रवाना हो चुकी है। वहां उनसे गहन पूछताछ की जाएगी। पुलिस को संदेह है कि इस घोटाले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। इस मामले में अन्य संदिग्धों की तलाश के लिए पुलिस की टीमें सक्रिय है।
एसएसपी अवकाश कुमार से यह पूछे जाने पर कि इन्होंने कहां-कहां पैसे को निवेश किया है, इसपर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी तेलंगाना पुलिस पूछताछ के बाद देगी। फिलहाल, दानापुर से उन्हें गिरफ्तार किया गया। जानकारी के अनुसार, सुषमा राज और रविंद्र कुमार सिंह ने हैदराबाद में एक कंपनी के जरिए निवेशकों को ऊंचे मुनाफे का लालच देकर ठगा। कंपनी ने निवेशकों से भारी-भरकम रकम जमा कराई और फिर फरार हो गई।
पीड़ित निवेशकों की शिकायत पर तेलंगाना पुलिस ने जांच शुरू की, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। पुलिस इस मामले में घोटाले के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश में जुटी है। यह भी जांच की जा रही है कि बरामद नकदी और जेवरात कहां से आए और क्या ये ठगी के पैसे से खरीदे गए। इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
वहीं, तेलंगाना पुलिस का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। मामले की जांच में कई और नाम सामने आ सकते हैं, जो विभिन्न राज्यों में बैठे इस ठगी के जाल को चला रहे थे। पुलिस अब यह भी खंगाल रही है कि फर्जी निवेश के जरिए कितने लोगों को चूना लगाया गया और कितनी रकम देश से बाहर भेजी गई।