ठाणेः मानसिक रूप से अस्वस्थ नाबालिग बेटी के साथ पिता और भाई ने कई बार किया बलात्कार, कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 3, 2022 15:52 IST2022-05-03T15:52:11+5:302022-05-03T15:52:54+5:30

विशेष पॉक्सो (बाल यौन अपराध संरक्षण) अदालत की न्यायाधीश कविता डी शिरभाटे ने इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाया और दोनों को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुये उन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Thane Mentally unsound minor daughter rape father and brother several times court sentenced 10 years rigorous imprisonment | ठाणेः मानसिक रूप से अस्वस्थ नाबालिग बेटी के साथ पिता और भाई ने कई बार किया बलात्कार, कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जानें

दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

Highlights52 साल के व्यक्ति और उसके 25 साल के बेटे ने 2017 के बाद से कई बार भिवंडी स्थित अपने घर में लड़की के साथ बलात्कार किया।लड़की बाद में गर्भवती हो गयी और उसने पड़ोसियों को यह बात बताई।कोनगांव पुलिस थाने में मामला दर्ज कराने के उसकी मदद की।

ठाणेः महाराष्ट्र में ठाणे जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने मानसिक रूप से अस्वस्थ नाबालिग बेटी के साथ कई बार बलात्कार करने के जुर्म में एक व्यक्ति और उसके बेटे को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

 

विशेष पॉक्सो (बाल यौन अपराध संरक्षण) अदालत की न्यायाधीश कविता डी शिरभाटे ने इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाया और दोनों को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुये उन पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने अदालत को बताया कि 52 साल के व्यक्ति और उसके 25 साल के बेटे ने 2017 के बाद से कई बार भिवंडी स्थित अपने घर में लड़की के साथ बलात्कार किया, उस वक्त लड़की की उम्र 15 साल थी। उन्होंने बताया कि लड़की बाद में गर्भवती हो गयी और उसने पड़ोसियों को यह बात बताई, जिन्होंने कोनगांव पुलिस थाने में मामला दर्ज कराने के उसकी मदद की।

इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने दोनों आरोपियों के खिलाफ सभी आरोपों को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है और दोनों को दोषी ठहराए जाने और सजा दिए जाने की जरूरत है। 

नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में व्यक्ति को मिली छह साल सश्रम कारावास की सजा

गाजियाबाद की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में एक व्यक्ति को छह साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश पीयूष तिवारी ने रमेश नामक व्यक्ति को मामले में दोषी ठहराते हुए छह साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

उन्होंने बताया कि रमेश ने नौ नवंबर 2014 को किसी बहाने से नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर कोई नशीला पदार्थ पिला दिया था। इसके बाद उसने उसे तीन दिनों तक अपने घर पर रखा और उसके बाद नाबालिग को उसके आवास पर छोड़ दिया। बखरवा ने बताया कि लड़की की मां ने रमेश के खिलाफ सिहानी गेट थाने में भादंसं और पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जांच के दौरान भादंसं की धारा 376 (बलात्कार की सजा) भी जोड़ी गई। बखरवा ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील की अंतिम दलीलें सुनने के बाद अदालत ने शनिवार को भारतीय दंड संहिता (भादंसं)की धारा 376 को हटा दिया। बखरवा ने कहा कि अदालत ने भादंसं की धारा 363 (अपहरण के लिए सजा) और पॉक्सो अधिनियम के तहत कारावास की सजा सुनाई है और जुर्माने की राशि से 15,000 रुपये का भुगतान लड़की को करने का आदेश दिया है।

Web Title: Thane Mentally unsound minor daughter rape father and brother several times court sentenced 10 years rigorous imprisonment

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