पटना: बिहार की राजधानी पटना में एक आतंकवादी गिरोह का भंडाफोड़ होने से सनसनी फैल गई है। 12 जुलाई को हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा इनके निशाने पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले के लिए इस संगठन को आतंकियों की बिहार के फुलवारी शरीफ इलाके में ट्रेनिंग भी शुरू हुई थी। बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने वहीं पर छापा मारकर इन संदिग्धों को धर दबोचा।
इस मामले में जिन लोगों को पकड़ा गया है उनमें एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा अतहर परवेज है। बताया जा रहा है कि अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाकों के आरोपी मंजर का सगा भाई है।
PFI से जुड़ा है तार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के रिश्ते पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। इन दोनो के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। दोनो संदिग्धों के पास से जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं उसमें भारत को साल 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने की बात की गई है।
आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी
इस मामले मे अब तक मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज एनजीओ के नाम पर ट्रेनिंग सेंटर चला रहे थे। बिहार के फुलवारी शरीफ इलाके में चल रहे इस ट्रेनिंग सेंटर में युवाओं को मार्शल आर्ट और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस ट्रेनिंग सेंटर में मुस्लिम युवाओं को हिंदुओं के खिलाफ भड़काया जाता था। मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज सिमी के जेल में बंद सदस्यों को कानूनी सहायता भी मुहैया कराते थे।
इस मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो को सूचना मिली थी कि पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक संभावित आतंकी गिरोह सक्रिय है। जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने 11 जुलाई को नया टोला इलाके में छापेमारी कर दोनों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया।