Bihar IAS Sanjeev Hans: रिश्वत में मर्सिडीज कार, संजीव हंस के कहने पर गुलाब यादव महिला को हर माह देता था 200000 रुपये, लगे कई गंभीर आरोप, जानें कहानी
By एस पी सिन्हा | Published: September 20, 2024 05:51 PM2024-09-20T17:51:58+5:302024-09-20T18:44:13+5:30
Bihar IAS Sanjeev Hans: मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज के स्तर पर हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दे दी गई।
पटनाः बिहार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विशेष निगरानी इकाई(एसवीयू) ने भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ केस दर्ज की है। इन दोनों के अलावा प्राथमिकी में एक दर्जन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसवीयू ने यह कार्रवाई ईडी की सिफारिश पर की है। ईडी की अनुशंसा पर एसवीयू ने संजीव हंस के खिलाफ मुकदमा दायर करने की अनुमति के लिए सरकार से आवेदन किया था। इसके बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज के स्तर पर हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दे दी गई।
विशेष निगरानी इकाई ने प्राथमिकी में संजीव हंस और गुलाब यादव के अलावा संजीव हंस की पत्नी मोना हंस, गुलाब यादव की पत्नी अंबिका यादव, सुनील कुमार सिन्हा, गायत्री कुमारी, प्रवीण चौधरी, तरुण राघव, गुरु बाल तेग, लक्ष्मण दास, देवेंद्र सिंह, कमल कांत गुप्ता को शामिल किया हैं।
सुरेश सिंघला और अन्य पर आरोप लगे हैं। एसवीयू की जांच से पता चला है कि संजीव हंस ने कंपनियों के साथ अनुबंध करने के बदले में मर्सिडीज कार गिफ्ट में लिया था। संजीव हंस पर महिलाओं का शारीरिक शोषण करने का आरोप है। ईडी को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि संजीव हंस अपनी पत्नी मोना हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के साथ मिलकर अवैध आय छिपा रहे थे।
एसवीयू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि संजीव हंस ने कंपनी को प्रीपेड मीटर लगाने का ठेका देने के बदले में मर्सिडीज कार गिफ्ट में लिया था। मर्सिडीज कार 2023 में खरीदी गई थी और गुरुग्राम निवासी और गुरु भरत सिंह के दोस्त तरुण रघुवर के नाम पर पंजीकृत की गई थी।
जांच में यह भी पता चला कि कार पहली बार 2022 में झारखंड स्थित कंपनी एसके एंड संस इंटरप्राइजेज के नाम से खरीदी गई थी। बाद में इसे तरुण नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि ईडी ने छापेमारी के दौरान संजीव हंस के पास से 7 करोड़ रुपये कीमत की 15 महंगी घड़ियां भी बरामद की थीं।
पूछताछ के दौरान हंस ने बताया कि ये घड़ियां उसे विभिन्न कंपनियों ने कॉर्पोरेट उपहार के रूप में दी थीं। हालांकि, ईडी को शक है कि ये घड़ी भी रिश्वत के थे। इतने महंगे उपहार स्वीकार करना सेवा शर्तों का उल्लंघन है। प्राथमिकी में संजीव हंस पर यौन शोषण और अवैध कारोबार का भी आरोप लगाया गया है।
आरोप है कि संजीव हंस के पूर्व विधायक गुलाब यादव और उनकी पत्नी अंबिका यादव से करीबी रिश्ते थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि गुलाब यादव और उनकी पत्नी अंबिका यादव 2015 से 2020 और 2022 से आज तक झंझारपुर क्षेत्र के विधायक और विधान पार्षद रहे।
आरोप है कि संजीव हंस के कहने पर गुलाब यादव एक महिला को हर महीने 2 लाख रुपये देता था। ये पैसे महिला को संजीव हंस के साथ अवैध संबंध को छुपाने के लिए दिए गए थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि जिस महिला पर शक हुआ, उसे गुलाब यादव से 2 लाख रुपये मासिक मिलते थे।