टीवी एंकर को सुप्रीम कोर्ट से राहत, लाइव शो में सूफी संत पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 9, 2020 07:57 AM2020-07-09T07:57:00+5:302020-07-09T07:57:00+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने टीवी पत्रकार और समाचार एंकर अमीश देवगन को 26 जून 2020 को दी गई राहत अगले आदेश तक बढ़ा दी है. देवगन के खिलाफ इस समय राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना में पांच प्राथमिकी दर्ज हैं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक शो में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के सिलसिले में दर्ज मामलों में टीवी समाचार एंकर अमीश देवगन के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई को लेकर संरक्षण की अवधि को बुधवार को बढ़ा दिया. इस बीच कोर्ट ने अमीश देवगन के वकील से अनेक राज्यों में पत्रकार के खिलाफ शिकायतें दाखिल करने वालों को याचिका की प्रतियां देकर मामले में दलीलें पूरी करने को कहा.
अदालत ने देवगन को 26 जून को दी गई राहत अगले आदेश तक बढ़ा दी है. देवगन के खिलाफ इस समय राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना में पांच प्राथमिकी दर्ज हैं. ये प्राथमिकियां 15 जून को देवगन के समाचार कार्यक्रम 'आर-पार' में सूफी संत के लिए कथित तौर पर अपमानजनक शब्द के इस्तेमाल के मामले में दर्ज कराई गई थीं.
हालांकि समाचार एंकर ने बाद में ट्वीट करके खेद जताते हुए कहा कि उन्होंने दरअसल मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी के संदर्भ में वह शब्द कहा था और चिश्ती का नाम गलती से बोल गए. देवगन ने शीर्ष अदालत से आपराधिक मामलों में जांच पर स्थगन का अनुरोध करते हुए इन्हें (जांच को) रद्द करने का आग्रह किया था. शीर्ष अदालत ने पुलिस एजेंसियों द्वारा पत्रकार के खिलाफ मामले में लंबित या भविष्य की जांच पर आज तक के लिए रोक लगाई थी.