अगर सीएम योगी ने नहीं की होती अनदेखी तो नहीं होता सोनभद्र में नरसंहार! बच जाती मासूम जिंदगियां
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 24, 2019 07:00 AM2019-07-24T07:00:20+5:302019-07-24T07:00:20+5:30
सोनभद्र हत्याकांड: 17 जुलाई को सोनभद्र जिले के घोरावल क्षेत्र में दो पक्षों के बीच जमीन विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में दस आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी और दर्जनों घायल हुये।
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुये हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 17 जुलाई को सोनभद्र जिले के घोरावल क्षेत्र में दो पक्षों के बीच जमीन विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में दस आदिवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी और दर्जनों घायल हुये। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सोनभद्र में हुये इस सोनभद्र की आशंका जनवरी 2019 में ही लग गई थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के नेता और दुद्धी विधायक हरिराम चेरो ने बताया है कि उन्होंने 14 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उभ्भा गांव के आदिवासियों की पैतृक भूमि पर कथित रूप से भूमाफिया द्वारा कब्जा करने के बारे में सूचित किया था।
दुद्धी विधायक हरिराम चेरो ने यह भी बताया कि उन्होंने सीएम योगी को लिखे पत्र में आदिवासियों की पैतृक जमीन को लेकर उन्हें फर्जी मामले में फंसाकर परेशान करने की भी बात लिखी थी। उन्होंने पत्र में यह भी बताया था कि भूमाफिया के दबाव में पुलिस और पीएसी के जवान आदिवासियों को काफी परेशान करते हैं। यहां तक की भूमाफिया के दबाव में पुलिस और पीएसी के जवान महिलाओं का शारीरिक शोषण भी करते हैं। सीएम योगी को लिखे पत्र में दुद्धी विधायक हरिराम चेरो ने मामले की जांच उच्चस्तरीय एजेंसी से कराने की मांग की थी। उस वक्त सीएम योगी ने इस पत्र पर उचित कार्रवाई नहीं की।
जानें क्या था सोनभद्र हत्याकांड मामला
पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया था कि 17 जुलाई को घोरावल थाना क्षेत्र के सपही गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से 90 बीघा जमीन खरीदी थी। उस पर कब्जे का विवाद था। यज्ञदत्त जमीन पर कब्जे के लिए ट्रैक्टरों से अपने साथियों को लेकर पहुंचा। ट्रैक्टर से जमीन जोतने के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इस पर ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। बताया जा रहा है कि 32 ट्रैक्टरों पर सवार होकर 300 लोग गांव में अचनातक घुसते हैं और गोलियों की बौछार करने लगते हैं। देखते ही देखते लाशों की ढेर लग गई। मामले में गांव के मुखिया सहित 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सोनभद्र कांड में एडीजी की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की कार्रवाई करते हुये एसडीएस और सीओ समेत पांच को निलंबित किया था। तीन सदस्यीय जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। जांच कमेटी को आदेश दिया गया है कि वो इस मामले पर 1955 से लेकर अब तक की पूरी जांच करें और 10 दिन में रिपोर्ट सौंपे।