श्रद्धा मर्डर केस: आफताब को पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए FSL दफ्तर लाया गया, इसके बाद होगा नार्को टेस्ट
By अनिल शर्मा | Published: November 28, 2022 10:47 AM2022-11-28T10:47:17+5:302022-11-28T10:54:57+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट का प्री-सत्र ठीक से हो गया था लेकिन दूसरे मुख्य-सत्र के दौरान उसे खांसी व बुखार हो गया था।
नई दिल्लीः श्रद्धा वालकर की हत्या का आरोपी आफताब आमीन पूनावाल का पॉलीग्राफ टेस्ट सोमवार को भी जारी रखा गया। आफताब ने अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसकी लाश के 35 टुकेड़ कर महरौली के जंगलों में ठिकाने लगाया था। आफताब को तीन दिन तक एफएसएल कार्यालय ले जाने के बावजूद रविवार को हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा नहीं हो सका। कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट व नार्को कराने के लिए 28, 29 नवंबर और पांच दिसंबर तारीखें दी हैं।
पहली बार पॉलीग्राफ के लिए उसे मंगलवार शाम लाया गया था। वहीं बुधवार को उसको बुखार आ जाने के कारण गुरुवार तक टेस्ट टाल दिया गया था। उसे फिर शुक्रवार को तीसरे सत्र के टेस्ट के लिए एफएसएल कार्यालय लाया गया था। हालांकि शुक्रवार को भी उसका टेस्ट नहीं हो सका।
रिपोर्ट के मुताबिक आफताब के पॉलीग्राफी टेस्ट का प्री-सत्र ठीक से हो गया था लेकिन दूसरे मुख्य-सत्र के दौरान उसे खांसी व बुखार हो गया था। इस कारण मशीन उसके जवाबों को ठीक से रिकॉर्ड नहीं कर पाई थी। इसके बाद उसे शुक्रवार को फिर पॉलीग्राफी टेस्ट करने के लिए बुलाया गया था।
आफताब को 13 दिन की न्यायिक हिरासत में शनिवार को तिहाड़ जेल भेजा गया है। उसे जेल नंबर चार के बैरक 15 में रखा गया है। शाम 6:10 बजे आफताब तिहाड़ पहुंचा था। कागजी कार्रवाई करने के बाद उसे सेल में भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि वह ज्यादातर अंग्रेजी में ही बात करता है। जेल में भी कुछ सामान मांगने के लिए अंग्रेजी का ही प्रयोग करता है।
विशेष पुलिस आयुक्त, सागर प्रीत हुड्डा ने शुक्रवार को कहा, "महरौली थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 659/22 आईपीसी की धारा 365/302/201 के तहत आरोपी आफताब अमीन का दूसरा पॉलीग्राफ टेस्ट आज नहीं हो सका।" वहीं गुरुवार को दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि आफताब ने रोहिणी लैब में परसेप्चुअल एबिलिटी टेस्ट (पीएटी) कराया, जो एक मनोवैज्ञानिक विश्लेषण परीक्षण है।
दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने कहा, "आरोपी शुरू से ही बहुत सामान्य और सुचारू रूप से व्यवहार कर रहा है। इसलिए, उसका पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराना महत्वपूर्ण था। यह एक लंबी प्रक्रिया है। हमारी हिरासत समाप्त होने पर भी न्यायिक हिरासत में नार्को टेस्ट भी किया जा सकता है।"