मां ने अपने दो बच्चों को बेचा, पुलिस ने एक को किया बरामद, जांच में जुटी, जानें क्या है पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: February 8, 2022 05:58 PM2022-02-08T17:58:33+5:302022-02-08T17:59:41+5:30
बिहार में समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना क्षेत्र स्थित फतेहपुर गांव का मामला है. पुलिस से 20 सितंबर 2021 को मानव व्यापार के लिए बेचे गए अपने पोते को मुक्त कराने की गुहार लगाई थी.
पटनाः बिहार में समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना क्षेत्र स्थित फतेहपुर गांव में एक सगी मां द्वारा अपने दो बच्चों को बेचने का मामला प्रकाश में आया है. पटोरी थाने आवेदन देकर पिता और दादी ने बच्चे को मुक्त कराने की मांग की थी. पुलिस ने चाइल्डलाइन की मदद से एक बच्चे को मुक्त करा लिया है.
मुक्त कराए गए बच्चे की पहचान किशन कुमार के रूप में हुई है, जो सात साल का है. बच्चे को प्रयास बाल गृह में रखा गया है. बच्चे की मां का पता नहीं चल रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार चांदपुरा, फतेहपुर निवासी गेना महतो की पत्नी चिंता देवी ने पटोरी पुलिस से 20 सितंबर 2021 को मानव व्यापार के लिए बेचे गए अपने पोते को मुक्त कराने की गुहार लगाई थी.
कार्रवाई नहीं होने पर फिर पिता इंद्रदेव महतो ने 20 जनवरी 2022 को पटोरी थाने में आवेदन दिया. चिंता देवी ने आवेदन में बताया था कि उनकी पुत्रवधू सरिता देवी 28 मार्च 2021 से ही अपने बेटे के साथ पटोरी बाजार में गणेश प्रसाद गुप्ता के मकान में भाड़े पर रह रही थी. इंद्रदेव महतो जम्मू-कश्मीर में काम करता है.
जबकि सरिता देवी पिछले एक साल से कमरा लेकर वह अपने साथ बेटे किशन कुमार और बेटी करीना के साथ रहने लगी थी. मई के अंत में उसने मकान मालिक गणेश प्रसाद गुप्ता से 50 हजार रुपए लेकर अपने बेटे को बेच दिया और बेटी को लेकर वहां से चली गई.
जब इस बात की जानकारी बच्चे की दादी को मिली तो दादी ने पटोरी थाना में आवेदन देकर अपने पोते को बेचे जाने का आरोप लगाया और पुलिस से गुहार लगाई कि उसे गणेश प्रसाद गुप्ता के चंगुल से मुक्त कराया जाए. लेकिन मकान मालिक गणेश बच्चे को देने को तैयार नहीं था. सरिता पहले भी अपनी एक नाबालिग बेटी को वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग में किसी व्यक्ति के हाथों बेच चुकी है.
पुलिस के अनुसार गणेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि सरिता ने गणेश को लिखकर दे दिया था कि भविष्य में उसका इस बच्चे से कोई लेना-देना नहीं होगा और इस पर कोई दावा नहीं करूंगी. इस मामले में जब पुलिस कार्रवाई नहीं हुई तो घर वालों ने चाइल्डलाइन से संपर्क किया. चाइल्डलाइन के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने बच्चे का रेस्क्यू कर चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया. फिलहाल चाइल्डलाइन तथा पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है.