यूपीः रेप केस में परोल से फरार दोषी 33 साल बाद पुलिस के लगा हाथ, शादी कर दिल्ली में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था
By अनिल शर्मा | Published: April 13, 2022 01:10 PM2022-04-13T13:10:02+5:302022-04-13T13:22:42+5:30
पुलिस ने बताया कि दोषी के गांव वाले और उसके रिश्तेदार यह जानकर हैरान हो गए कि वह जीवित है। लोगों को लगता था कि रघुनंदन मर चुका है।
हाथरसः रेप मामले में एक दोषी को पुलिस ने 33 साल बाद गिरफ्तार किया है। यूपी के हाथरस का रहनेवाला 56 वर्षीय दोषी रघुनंदन सिंह परोल से जंप कर फरार हो गया था जिसे 33 साल बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि वह फर्जी पहचान पत्र के साथ दिल्ली में शादी कर रहा रहा था।
पुलिस ने बताया कि दोषी के गांव वाले और उसके रिश्तेदार यह जानकर हैरान हो गए कि वह जीवित है। लोगों को लगता था कि रघुनंदन मर चुका है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि रघुनंदन को 1987 में दोषी ठहराया गया था जो परोल पर फरार हो गया था। वह 30 साल से अधिक समय से अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में रह रहा था। पुलिस ने बताया कि उसने फर्जी पहचान पत्र बनवा लिया था और शहर में कपड़े की एक दुकान में काम कर रहा था। पुलिस ने बताया कि वह गांव की सभी चल व अचल संपत्तियां बेचने के बाद फरार हुआ था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि "उसे बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराया गया था लेकिन सजा काटते हुए पैरोल दी गई थी। वह पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फरार था। उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ 1986 में जिले के हाथरस जंक्शन पुलिस थाने में बलात्कार के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अगले साल, एक स्थानीय अदालत ने उसे अपराध का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस उसकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित कर चुकी थी।