राजस्थान में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य मृत मिले, मृतकों में पांच बच्चे और चार महिलाएं शामिल
By भाषा | Published: August 10, 2020 05:14 AM2020-08-10T05:14:37+5:302020-08-10T05:14:37+5:30
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि किसी के भी शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं हैं और न ही किसी तरह की साजिश के सबूत हैं, लेकिन हमने फॉरेंसिक टीम और श्वान दल बुलाया है।
जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले में एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार के 11 सदस्य रविवार सुबह एक खेत में मृत पाए गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। मृतकों में पांच बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि परिवार का एक सदस्य देचु इलाके के लोडता गांव में उस झोपड़ी के बाहर जिंदा मिला जहां ये लोग रहते थे। यह इलाका जोधपुर शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बरहाट ने कहा, ‘‘लेकिन उसने घटना की कोई जानकारी न होने का दावा किया। ऐसा माना जा रहा है कि यह घटना रात की है।’’ उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि यह खुदकुशी है या कुछ और मामला है।
एसपी ने कहा, “हम अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यह खुदकुशी थी, दुर्घटनावश हुई मौत या कुछ और। हमने शवों को चिकित्सा बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।” उन्होंने कहा कि कीटनाशक का आधा इस्तेमाल हुआ कनस्तर और कुछ शीशियां झोपड़ी से बरामद हुई हैं।
पुलिस को मौके से एक नोट भी मिला है और लिखावट का सत्यापन किया जा रहा है। भील समुदाय से जुड़े परिवार के सभी सदस्य पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी थे और गांव में खेत में रह रहे थे जिसे उन्होंने खेतीबाड़ी के लिए छह महीने पहले बटाई पर लिया था। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रहने वाले ये लोग दीर्घकालिक वीजा पर 2015 में यहां आए थे और तभी से यहां रह रहे थे। पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘किसी के भी शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं हैं और न ही किसी तरह की साजिश के सबूत हैं लेकिन हमने फॉरेंसिक टीम और श्वान दल बुलाया है।’’
प्रारंभिक सूचना से पता चला है कि किसी मुद्दे को लेकर परिवार में विवाद था। उन्होंने कहा, ‘‘जीवित बचे व्यक्ति से पूछताछ करने के बाद ही हम इस घटना के बारे में कुछ कहने की स्थिति में होंगे।’’ इस बीच परिवार के जीवित बचे सदस्य केवल राम (35) ने अपनी पत्नी के परिवार वालों के खिलाफ शिकायत देते हुए आरोप लगाया कि “यह खुदकुशी का नहीं हत्या का मामला है।” इसकी पुष्टि करते हुए एसपी ने कहा कि विवाद की वजह से बीते कुछ समय से उसकी पत्नी परिवार के साथ नहीं रह रही थी।
उन्होंने कहा कि केवल राम की पत्नी कथित तौर पर बच्चों को अपने साथ रखने के लिये उस पर दबाव डाल रही थी। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में “खुद बच जाने और बयान बदलने की वजह से” केवल राम भी संदिग्ध है। केवल राम के मुताबिक उन्होंने शनिवार रात नौ से 10 बजे के बीच खाना खाया और सोने चले गए। उसने बताया, “मैं जानवरों से फसल की रखवाली के लिये चला गया और वहीं सो गया था।” सुबह जब वह लौटा तो परिवार के सभी सदस्यों को मृत पाया। घटना को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए केवल राम ने कहा, “मैंने फिर अपने रिश्तेदार को फोन किया जो कुछ अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी।”
मृतकों की पहचान बुधराम (75), उनकी पत्नी अंतरा देवी, बेटे रवि (31), बेटी जिया (25) और सुमन (22), पौत्रों मुकदस (17) और नैन (12) के अलावा लक्ष्मी (40) और केवल राम के तीन नाबालिग बेटों के तौर पर हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिये जोधपुर भेजा गया है और मौत की वजह जानने के लिये चिकित्सा बोर्ड का गठन किया गया है। इस बीच जोधपुर से सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की “कार्यशैली” पर सवाल उठाती है।
शेखावत ने ट्वीट किया, “मृतकों में दो पुरुष, चार महिलाएं और पांच बच्चे हैं। एक के बाद एक बेहद डराने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं जो राज्य की खराब होती स्थिति को परिलक्षित करती हैं। सरकार को कार्रवाई कर तस्वीर साफ करनी चाहिए।” सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोधा ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने केवल राम और पुलिस अधिकारियों से भी बात की।