Railways land-for-job scam case: सात जून तक आरोप-पत्र दाखिल करने का निर्देश, लालू प्रसाद और उनके परिवार के कई सदस्य शामिल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 31, 2024 20:42 IST2024-05-31T20:41:41+5:302024-05-31T20:42:41+5:30

Railways land-for-job scam case: विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कार्यवाही के दौरान कई बार ईडी से जांच पूरी होने के बारे में पूछा है।

Railways land-for-job scam case Id file supplementary charge sheet by June 7 Lalu Prasad and many members of his family included | Railways land-for-job scam case: सात जून तक आरोप-पत्र दाखिल करने का निर्देश, लालू प्रसाद और उनके परिवार के कई सदस्य शामिल

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Highlightsआगे की जांच अग्रिम चरण में है और जल्द ही पूरी होने की संभावना है। शेष जांच के निष्कर्ष को अंतिम रूप देने का प्रयास करने का निर्देश दिया था।आज तक कोई और पूरक आरोप-पत्र दायर नहीं किया गया।

Railways land-for-job scam case: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भारतीय रेलवे में कथित तौर पर ‘‘नौकरी के बदले जमीन’’ घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में सात जून तक पूरक आरोप-पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। कथित घोटाले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के कई सदस्य शामिल हैं। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कार्यवाही के दौरान कई बार ईडी से जांच पूरी होने के बारे में पूछा है।

न्यायाधीश ने कहा कि ईडी के वकील ने बार-बार कहा है कि आगे की जांच अग्रिम चरण में है और जल्द ही पूरी होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि 12 अप्रैल को पारित अपने आदेश में अदालत ने ईडी को दो सप्ताह के भीतर किसी भी शेष जांच के निष्कर्ष को अंतिम रूप देने का प्रयास करने का निर्देश दिया था।

हालांकि, आज तक कोई और पूरक आरोप-पत्र दायर नहीं किया गया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह अदालत उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सांसदों/विधायकों से संबंधित सभी मामलों में तेजी लाने के लिए अधिकृत है।’’ न्यायाधीश ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप धनशोधन की कथित प्रकृति में परस्पर जुड़े तथ्यों और लेन-देन का एक समूह हैं, भले ही ये अब तक आगे बढ़ाए गए हों या नहीं।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जून की तारीख तय करते हुए ईडी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वह पूरक आरोप-पत्र अगली तारीख तक दाखिल करे। न्यायाधीश ने 29 मई को कथित घोटाले में ‘‘अंतिम आरोप पत्र’’ दाखिल करने में देरी के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की खिंचाई की थी।

विशेष न्यायाधीश ने आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए ‘हर तारीख पर’ सीबीआई द्वारा अतिरिक्त वक्त मांगे जाने पर नाखुशी जताई थी। सीबीआई ने मार्च में तीन आरोपियों- अशोक कुमार, बबीता और भोला यादव के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया था। अशोक कुमार एवं बबीता प्रत्याशी हैं, जबकि भोला यादव उस वक्त लालू प्रसाद के निजी सचिव थे, जब राजद सुप्रीमो रेल मंत्री थे।

अदालत ने इस मामले में 28 फरवरी को लालू प्रसाद की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों-- मीसा भारती एवं हेमा यादव को जमानत दी थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004 और 2009 के बीच कई लोगों को भूखंडों के एवज में भारतीय रेलवे के विभिन्न संभागों में ‘डी’ समूह में नौकरियां दी गयी थीं।

नौकरी की खातिर इन लोगों ने प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बहुत कम दर पर ये भूखंड बेचे थे। तब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। प्रवर्तन निदेशालय भी कथित धनशोधन को लेकर इस मामले की जांच कर रहा है।

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